हमले से पेरिस में समझौते की उम्मीद बढ़ी
दुनियाभर के क़रीब डेढ़ सौ नेता कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को पेरिस में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए जुटे हैं.
इस सम्मेलन को कॉप21 नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य कार्बन के उत्सर्जन को सीमित करने के लिए एक दीर्घकालिक समझौता क़ायम करना है.
विश्लेषकों का कहना है कि पेरिस में हाल में हुए चरमपंथी हमले के बाद इस समझौते की संभावना बढ़ गई है.
11 दिसंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में दुनियाभर के क़रीब 40 हज़ार लोगों के भाग लेने की उम्मीद है.
2009 में कोपेनहेगन में हुए सम्मेलन में 115 नेताओं ने हिस्सा लिया था.
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इस सम्मेलन में आना तय था पर पेरिस हमले ने दूसरे नेताओं को भी इसके लिए प्रेरित किया है.
कोपेनहेगन में नेताओं को आख़िर में बुलाया गया था, लेकिन यह रणनीति सफल नहीं रही थी.
फ्रांसीसी आयोजकों ने उससे सबक़ लेते हुए नेताओं को पहले बुलाया है.
सम्मेलन मे छोटे द्वीप देशों की अगुवाई कर रहे मालदीव के अमजद अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे लगता है कि इससे समझौते की संभावना बढ़ गई है. लोगों की भावना इस पर आगे बढ़ने की है.”
जलवायु परिवर्तन पर ब्रितानी सरकार के पूर्व सलाहकार और पर्यावरण थिंक टैंक ई3जी के टॉम बुर्के का मानना है कि तापमान बढ़ने की समस्या सुलझाकर आप चरमपंथ के एक कारण को ख़त्म कर सकते हैं.
हालांकि माहौल सकारात्मक लग रहा है लेकिन अब भी विभिन्न पक्षों के बीच भारी मतभेद हैं.