हमें पीटा गया, छह अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में शिफ्ट किया गया : हैदराबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स
एजेन्सी/ हैदराबाद: जेल में करीब एक हफ्ता गुजारने के बाद जमानत पर बाहर आए हैदराबाद यूनिवर्सिटी के 24 स्टूडेंट्स और दो टीचरों ने आरोप लगाया कि उन्हें कथित तौर पर पुलिस की हिरासत में मारा-पीटा गया और धमकी दी गई। इन छात्रों को परिसर में 22 मार्च की हिंसा के सिलसिले में जमानत प्रदान की गई है। हिंसा के दौरान कुलपति के सरकारी आवास में भी तोड़फोड़ की गई थी।
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तथागत सेन गुप्ता ने कहा कि मैंने खुद सुना कि पुलिस ने लड़की के साथ बलात्कार की धमकी दी। पुलिस ने हमें कहा कि अगले 24 घंटे के लिए हमारे मानवाधिकार खत्म हो गए हैं।
इसी यूनिवर्सिटी के एक अन्य प्रोफेसर के वाई रत्नम ने कहा कि मेरे स्टूडेंट्स को जब पुलिस ने उठाया तब से लेकर जब तक वे उनकी कस्टडी में रहे पीटते रहे। मुझे भी नहीं बख्शा गया।
पिछले सप्ताह 24 स्टूडेंट्स और दो टीचर्स को वाइस चांसलर पी अप्पा राव को छह घंटे तक बंधक बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये लोग जनवरी में हुई रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
NSUI के कार्यकर्ता एम कृष्णांक ने कहा कि इन छात्रों को 24 घंटे में छह अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में शिफ्ट किया गया। अप्पा राव वाइस चांसलर के पद पर नहीं रहे सकते। हम यूनिवर्सिटी में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
डी प्रशांत रोहित वेमुला के करीबी दोस्त हैं और उन पांच छात्रों में शामिल हैं, जिन्हें अप्पा राव ने सजा दी थी। प्रशांत ने कहा कि यूनिवर्सिटी में अघोषित इमरजेंसी है। सब कुछ ठीक था, जब वे दूर थे। विश्वविद्यालय जेल होते जा रहे हैं।
गौरतलब है कि चेरलापल्ली जेल अधीक्षक वेंकटेश्वर रेड्डी ने कहा, जमानत आदेश की प्रतियां जेल प्रशासन को मुहैया करा दी गई हैं। उन सभी को रिहा कर दिया गया है। मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने पांच-पांच हजार रुपये के मुचलके पर छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों को जमानत दे दी थी। अदालत ने साथ ही उन्हें यह निर्देश भी दिया था कि वे सप्ताह में एक बार (प्रत्येक शनिवार) एसएचओ गाचीबाउली के समक्ष पेश हों। अभियोजन ने 27 आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध नहीं किया था और अदालत को सूचित किया था कि एचसीयू परिसर में (कानून एवं व्यवस्था की) स्थिति नियंत्रण में है।