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हरिद्वार में अर्द्धकुंभ का पहला स्नान 14 जनवरी को, ऐसी हैं तैयारियां

holy-ghats-of-haridwar-56401b843b254_exlstर्मनगरी हरिद्वार में मेले को शुरू हुए 11 दिन बीत चुके हैं। अर्द्धकुंभ का पहला स्नान 14 जनवरी को होना है, लेकिन अभी तक तैयारियां आधी-अधूरी हैं।

कई स्थानों पर निर्माण सामग्री फैली पड़ी है, तो कहीं पर सड़कें ही नहीं बन सकी हैं। हाईवे का चौड़ीकरण भी अधूरा है। स्नान के दौरान यह आधे-अधूरे काम परेशानी का सबब बनेंगे। अभी तक मेले की तैयारियों पर अव्यवस्थाएं हावी दिखाई दे रही हैं। इन आधे-अधूरे इंतजामों के बीच ही मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत मेले के कामों की समीक्षा करेंगे।

हरकी पैड़ी क्षेत्र में जहां मुख्य स्नान होना है, वहां अभी तक निर्माण सामग्री फैली हुई है। नालों पर स्लैब भी सही तरीके से नहीं रखी जा सकी है। रिकॉर्ड समय में लोहे के जिस पुल को बनाने का दावा किया गया था उस पर सड़क नहीं बन पाई है। यही स्थिति लाल पुल के पास बन रहे नए पुल की भी है, यह पुल अभी निर्माणाधीन ही है।

पहले स्नान के दौरान इसका भी लाभ नहीं मिल सकेगा। चंडी द्वीप और गौरीशंकर द्वीप में मेला अवधि शुरू होने से पहले ही सड़क बनाई जानी थी लेकिन अब तक यह पूरी नहीं बन पाई है। मेला नियंत्रण कक्ष के बाहर देवपुरा चौक के पास भी टूटी सड़क लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी है। यहां पेयजल की आपूर्ति के लिए बनाए गए टैंक का काम भी अधूरा है। बस अड्डे भी जरूरी सुविधाओं को तरस रहे हैं।

जबकि अर्द्धकुंभ मेलाधिकारी एसए मुरुगेशन का कहना है कि मेले के काम प्राथमिकता के आधार पर कराए जा रहे हैं। कुछ काम जो अभी नहीं हो सके है उन्हें भी तेजी से कराया जा रहा है। निर्माणाधीन कामों से लोगों को परेशानी न हो इसके लिए व्यवस्था स्नान से पहले ही कर ली जाएगी।

मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ साधु-संत, तीर्थ पुरोहित, मेले के अधिकारी तथा मेला क्षेत्र के निवासी हरकी पैड़ी पर एकत्रित होकर मंगलवार को मां गंगा का पूजन करेंगे। पहली बार मेला काल प्रारंभ होने पर एक जनवरी को पूजन किया गया था।

परंतु कई धर्माचार्यों और संतों ने यह कहकर विरोध किया था कि बिना मुहूर्त के यह पूजन कर दिया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने दोबारा पूजन कराने के आदेश दिए थे।

मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे हरकी पैड़ी पहुंच रहे हैं। प्रशासन के साथ-साथ हरकी पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था गंगा सभा ने भी सोमवार को क्षेत्र की साफ-सफाई कराई। समूचे क्षेत्र को भव्य रूप से सजाया गया है।

ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से यह कार्यक्रम दूर-दूर तक प्रसारित करने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री की ओर से प्रतिष्ठित नागरिकों व साधु-संतों को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। गंगा सभा ने प्रधान सभा के 700 पुरोहितों को निमंत्रण भेजा है।

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