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हरियाणा : पांच पटाखा गोदाम सील

फर्रुखनगर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा 31 अक्टूबर तक दिल्ली एनसीआर में इस बार दीवाली पर पटाखे नहीं बिकने के आदेश के मदय नजर फर्रूखनगर थाना क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले पांच पटाखा गोदामों पर थाना फर्रूखनगर पुलिस ने पटाखों की बिक्री पर पाबंदी के नोटीस लगाते हुए लॉक करवा दिए है। साथ ही हिदायत दी की सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। थाना प्रभारी इंस्पैक्टर विनोद कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद ही उन्होंने थाना क्षेत्र के सभी पटाखा गोदामों पर पटाखा बिक्री पर पाबंदी के इस्तीहार चस्पा दिए और गोदामों पर ताले लगा दिए गए है।

उन्होंने बताया कि फर्रूखनगर बाजार व थाना क्षेत्र में कोई दुकानदार पटाखों की बिक्री करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए सभी दुकानदारों से अपील है कि वह पटाखों की दीपावली पर्व पर बिक्री न करे। पटाखा व्यापारी महेंद्र सिंह तनेजाए सुरेंद्र ठाकुरए आत्माराम ओमप्रकाश आदि की माने तो फर्रूखनगर क्षेत्र में करीब 80 प्रतिशत पटाखे शिवाकासी तमिलनायडू से आते है 20 प्रतिशत पटाखे स्थानीय लोगों द्वारा तैयार किए जाते है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 31 अक्टूबर तक दिल्ली एनसीआर में पटाखा बिक्री करने के जो आदेश दिए है उसका सम्मान करते है। कोर्ट के आदेश से पटाखा जगत से जुडे व्यापारी मजदूर आदि को दीपावली पर्व पर निराशा ही हाथ लगेगी।

पटाखों की बिक्री पर लगी पाबंधी से पटाखा व्यापार से जुडे लोगों में निराशा छाई हुई है। उनका मानना है कि भारत में बनाए जाने वाले पटाखों में लीथियमए एंटीमनीए मरकरी आर्सेनिक व लेड जैसे खतरनाक रसायन इस्तेमाल नहीं होते है। इसलिए यह पटाखे बहुत कम जोखिम वाली श्रेणी में आते है। इनका निर्माण ज्यादातर कागजए धागाए सुतलीए मिटटीए लोहे की तारए गोंदए पेपर टयूबए गत्ताए आदि के अलावा पटाखे के कुल वजन का मात्र तीन से चार प्रतिशत बारुद की मात्रा होती है। हमारे परंपरागत त्योहारों को मनाने में आतिसबाजी का इस्तेमाल करने का सदियों पुराना नाता है।

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