चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ चुनावी घमासान की बिसात बिछ गई है और हर राजनीतिक दल अपने अपने मोहरों के साथ शह और मात की कुटिल रणनीति के सहारे सत्ता तक पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहा है। वैसे सत्ता के लिए प्रबल दावेदार राजनीतिक दलों ने तो इन चुनावों के लिए जुलाई महीने से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं, जिनमें अगस्त महीने के मध्य तेजी आई, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि निर्वाचन आयोग इसी महीने राज्य में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर सकता है, लेकिन आयोग ने उनकी इस अटकलों पर पानी फेर दिया और उनके इस इंतजार को 12 सितम्बर तक खींच ले गया। ऐसे में प्रचार अभियान का जोश चुनावों की घोषणा होने तक ठंडा पड़ने लगा था। लेकिन अब जबकि चुनावों की तारीखें तय हो गई हैं तो राज्य में सत्ता की ओर टकटकी लगाए राजनीतिक दलों के बीच फाइनल मुकाबले के लिए जहां कशमकश और आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो चला है, वहीं वे किसान, व्यापारी, सरकारी कर्मचारी, महिलाएं और विद्यार्थियों सहित हर वर्ग के मतदाताओं को रिझाने के लिए लोकलुभावन वादे कर येन केन प्रकारेण चुनाव जीतने की जुगत में जुट गए हैं। एजेंसी