लखनऊ
हल्के में न लें बेहद खतरनाक हे ये जहरीली धुंध, जानें बचाव के तरीके


कोशिश करें कि कम से कम बाहर निकलें जिससे वातावरण में फैले जहरीले कण सांस के जरिए आपके शरीर में न जाने पाएं। डॉक्टरों का तो यहां तक कहना है कि धुंध में मौजूद सूक्ष्म कण ब्रेन तक पहुंचकर व्यक्ति की जान के लिए भी खतरा बन सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गो को विशेष देखभाल की जरूरत है।
शहर में फैली धुंध की चादर शहरवासियों के सेहत के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। गोमतीनगर के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के फिजिशियन डॉ. संदीप चौधरी बताते हैं कि स्मॉग प्रदूषित सूक्ष्म कणों की एक परत (लेयर) है जो ऊपर नहीं उठ रही। यह बहुत निचले स्तर पर यह वातावरण में जमा है।
वो बताते हैं कि हवा में मौजूद कॉर्बन पार्टिकल्स सांस के जरिए शरीर में जाते हैं जिससे समस्या शुरू होने लगती है। डॉ. संदीप के मुताबिक धुंध के बीच मौजूद सबसे सूक्ष्म कण जिसे पार्टिकुलेट मैटर कहा जाता है श्वांस नलिका से खून में मिलने के बाद दिमाग तक पहुंच सकता है।