दिल्लीराज्य

हाईकोर्ट: अपने अनुसार दाखिला देंगे अल्पसंख्यक स्कूल

राजधानी के गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए शुक्रवार को हाईकोर्ट से राहत भरी खबर आई। अदालत ने दिल्ली सरकार की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसमें नर्सरी में बच्चों को नेबरहुड प्रक्रिया के तहत दाखिले का निर्देश दिया गया था।न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि प्रथम दृष्टया अल्पसंख्यक स्कूलों को स्वयं बनाए गए दिशा-निर्देशों के तहत ही बच्चों को दाखिला देने का अधिकार है।कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया में कोई कुप्रबंधन नहीं है। अदालत ने सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाते हुए कहा कि सरकार इन स्कूलों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
कामकाज में बच्चों का दाखिला व स्कूल में प्रशासनिक अधिकार भी शामिल है। मामले की सुनवाई 21 मार्च को होगी। दिल्ली सरकार ने सात जनवरी को नर्सरी दाखिलों के दिशा-निर्देश तय करते हुए कहा था कि डीडीए व अन्य एजेंसियों से सस्ती दरों पर भूमि लेने वाले निजी स्कूलों को नेबरहुड यानी आस-पड़ोस के बच्चों को ही दाखिला देना होगा।

अन्य निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई जारी

सर्कुलर में निजी स्कूलों के अलावा गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों को भी इसी प्रक्रिया के तहत दाखिला देने को कहा गया था। सस्ती दरों पर भूमि लेने वाले अन्य निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई जारी है।
 
कल लगाई थी फटकार
सर्कुलर को तीन निजी गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूल माउंट कार्मेल स्कूल, रेयान इंटरनेशनल और समरविले स्कूल ने चुनौती दी थी। स्कूलों तर्क था कि यह उनके अधिकारों व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। अदालत ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि उसने अंतिम समय में ही अधिसूचना क्यों जारी की।

कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि वे अधिसूचना पर रोक लगाएंगे। अदालत ने कहा कि जिन बच्चों को इस वर्ष दाखिला लेना है, सरकार की नीति से बेवजह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार छह माह पहले यह नीति क्यों नहीं बनाती।

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