हाईकोर्ट ने क्रिसमस से पहले सुनाया यह फैसला!
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने क्रिसमस से एक दिन पहले स्काइप पर सुनवाई के दौरान एक अनोखा फैसला सुनाया। जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने चर्च के पादरी से कहा, आप क्रिसमस पर ईसा मसीह का संदेश याद करें। वे नहीं जानती कि क्या कर रहे हैं, इस बेस पर बच्चियों को माफ कर दें।मामला त्रिची में बच्चियों के एक अनऑथराइज्ड चाइल्ड होम की 89 लड़कियों से जुड़ा था। सरकारी वकील और चाइल्ड होम के वकील कोर्ट में मौजूद थे, जबकि लड़कियों की तरफ से लड़ रहे वकील त्रिची में थे। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एके भास्कर पांडियन ने बताया कि बच्चियों को क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए लोकल कोर्ट ने चर्च जाने की इजाजत नहीं दी। इसको लेकर वे विरोध में सड़क जाम कर रही हैं। सभी बच्चियों को स्थानीय कोर्ट के आदेश पर त्रिची कलेक्टर की बनाई कमेटी ने अपने अंडर में ले लिया।स्थानीय कोर्ट का कहना था कि चर्च लड़कियों को चाइल्ड होम के गार्डियन पादरी गिडियन जैकब से अलग करने की कोशिश कर सकता है। चूंकि बच्चियां फादर को एकमात्र गार्डियन मानती हैं। इसलिए हो सकता है कि वे भड़ककर कोई दूसरा तरीका अपना लें। जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और एन. किरुबाकरन की बेंच ने कहा, पादरी जैकब की जिम्मेदारी है कि चाइल्ड होम के बच्चे कानून का सम्मान करें। फादर बच्चियों को समझाएं कि बिना इजाजत रोड जाम करने या पब्लिक प्लेस पर बिना अनुमति के प्रदर्शन करने पर उन्हें सजा मिल सकती है।