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हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की दी थी मंजूरी

दिल्ली सरकार ने अब प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की मंजूरी देने वाले हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार अब सार्वजनिक भूमि पर बने निजी स्कूलों को पूर्व अनुमति के बिना फीस बढ़ाने से रोकने वाले नियम को दरकिनार करने के हाईकोर्ट के निर्णय को दिल्ली सरकार चुनौती देगी. दरअसल इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशालय की पिछले साल के उस सर्कुलर को निरस्त कर दिया है जिसमें प्राइवेट स्कूल्स को फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी.

पिछले हफ्ते हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बिना सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों को इस बात की अनुमति दे दी थी कि वे फीस में अंतरिम बढ़ोत्तरी कर सकते हैं, जिससे वे टीचर और अन्य कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर सकें. हाईकोर्ट की ओर से इस सर्कुलर को निरस्त करने के बाद दिल्ली के 300 से ज्यादा निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है.

शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फीस में बढ़ोत्तरी की अनुमति सरकार के साथ समझौते का हिस्सा है, जो भूमि आवंटन के समय स्कूल के साथ किया गया था. अगर फीस में मनमानी बढ़ोत्तरी करने की अनुमति दे दी जाएगी तो अंतिम रूप से माता पिता ही परेशान होंगे, जो कि हमारे हित में नहीं है. इसलिए हम आदेश को चुनौती देंगे.

अगर हाईकोर्ट के फैसले में बदलाव नहीं होता है तो प्राइवेट स्कूल पिछले सत्र 2017-18 की बढ़ी हुई फीस भी अभिभावकों से वसूलने के लिए भी स्वतंत्र हो जाएंगे. साथ ही स्कूलों को बढ़ाई हुई फीस भी वापस नहीं लौटानी होगी. दिल्ली में करीब 325 प्राइवेट स्कूव हैं और इनमें से कुछ बहुत प्रतिष्ठित हैं और वे सरकार की भूमि पर बने हैं.

कब आया था सर्कुलर

दिल्ली सरकार ने पिछले साल 13 अप्रैल को यह सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाई गई थी. इसके अलावा शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूलों को ये भी निर्देश दिए कि वो बढ़ाकर ली गई फीस अभिभावकों को वापस कर दें. उसके बाद प्राइवेट स्कूलों के संगठनों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

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