कोलकाता : हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, कि किसी सार्वजनिक स्थल पर पशुओं का वध न हो| हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों को ऐसे जरूरी कदम उठाने के भी निर्देश दिए, जिससे अगले साल ईद-उल जुहा “बकरीद” पर्व से पहले पश्चिम बंगाल पशु वध नियंत्रण कानून-1950 के प्रावधानों पर अमल सुनिश्चित हो|एक “जनहित याचिका” पर कोर्ट के पहले एक आदेश के सिलसिले में राज्य सरकार द्वारा दाखिल एक संशोधन आवेदन पर आदेश पारित करते हुए “चीफ जस्टिस जे. भट्टाचार्य” की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हैरत जताई है|
वो इसलिए कि राज्य सरकार के पास 68 साल पुराने कानून के प्रावधानों को लागू कराने की मशीनरी नहीं है| “जस्टिस ए. बनर्जी की सदस्यता वाली पीठ ने कहा, किसी ने निश्चित तौर पर अपेक्षा की होगी कि इस समय तक राज्य सरकार के पास एक ऐसी मशीनरी होगी ताकि 1950 के उक्त कानून, जो विधानमंडल द्वारा ही बनाया गया है, प्रावधानों को लागू किया जा सके”| बहरहाल, कोर्ट ने महाधिवक्ता “किशोर दत्ता” की ओर से दायर संशोधन आवेदन को मंजूर कर लिया ताकि कानून के प्रावधानों पर इस साल की बजाय अगले साल ईद-उल जुहा पर्व से पहले अमल सुनिश्चित किया जा सके|