हाथ,पैर और चेस्ट की मसल्स को मजबूत बनाता है हंसासन
ज्यादातर लोग एक जगह घंटों बैठकर कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हैं। जिससे पीठ और रीढ़ के दर्द की परेशानी होने लगती है। ऑफिस में कामकाज के दौरान गलत तरीक से या लगातार 5-6 घंटे बैठने का सबसे ज्यादा बुरा असर हमारी पीठ पर ही पड़ता है। इनसे निपटने के लिए हंसासन आपकी मदद कर सकता है। ये आपको कुछ ही दिनों में परेशानी से राहत दिला सकते हैं, साथ ही ये कई सारी बिमारियों से भी आपको राहत दिलाएंगे।
हंसासन का अभ्यास करते समय आदमी के शरीर की स्थिति हंस के जैसी हो जाती है, इसलिए इस आसन को हंसासन कहा जाता है। हंसासन करते समय आदमी के शरीर का पूरा बैलेंस दोनों हाथों की हथेलियों पर होता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले चटाई बिछाकर घुटनों के बल बैठ जाइए। उसके बाद दोनों हाथों को सामने फर्श पर टिकाकर रख दीजिए। हाथों को आगे की तरफ करके दसों उंगलियों को खोलकर रखिए। इसके बाद दोनों हाथों के बीच कम से कम 10 इंच की दूरी रखिए।
अब घुटनों को मोड़कर आगे की ओर तथा कोहनियों को मोड़कर पीछे की ओर कीजिए। इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए दोनों हथेलियों पर शरीर का पूरा जोर देकर अपने शरीर के पिछले भाग को ऊपर की तरफ उठाते हुए संतुलन बनाइए। अब गर्दन को आगे की ओर झुकाकर शरीर का आकार हंस की तरह बनाइए। इस स्थिति में 10-30 सेकेंड तक रहिए और इस क्रिया को कम से कम 2-3 बार दोहराइए। हंसासन नियमित रूप से करने से से हाथ व पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है तथा गर्दन का मोटापा कम होता है।