हार्ट अटैक से बचना है तो अपने दिल को दीजिए ‘फ़ॉर्मूला-80’
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इंडियन मंडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मनोनीत राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल के मुताबिक 90 प्रतिशत लोगों को बुरी आदतों की वजह से ही हार्ट अटैक आता है। अपनी इन्हीं आदतों में सुधार कर दिल की इन बीमारियों से बचा जा सकता है। अग्रवाल के मुताबिक युवाओं की जीवनशैली में आहार के रूप में जंक फूड, तनावपूर्ण नौकरी, व्यायाम और नींद की कमी और सिगरेट व शराब पर अत्यधिक निर्भरता शामिल है। अगर इस जीवनशैली से होने वाले खतरों से युवाओं को परिचित करवाया जाए और समय रहते जीवनशैली में बदलाव किया जाए तो दिल के दौरे से बचा जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि धूम्रपान छोड़ने से दिल के दौरे और स्टरोक दोनों का खतरा कम हो जाता है। धूम्रपान छोड़ने के एक साल के अंदर-अंदर ही दिल के दौरे और मौत का खतरा आधा रह जाता है।
अग्रवाल ने हार्ट केयर फाउंडेशन के इस कार्यक्रम में अपना फ़ॉर्मूला-80 भी लोगों के सामने रखा। अग्रवाल के मुताबिक 80 कदम चलने और दिन में 80 मिनट तक सैर करने से आपकी सेहत में चार चांद लग सकते हैं। जिन महिलाओं और पुरुषों में 10 साल के अंदर पहला हार्ट अटैक होने की आशंका 6 प्रतिशत होती है, को जीवनशैली बदलने के साथ ही हार्ट अटैक से बचने के लिए प्रथामिक उपचार के तौर पर एस्प्रिन देने की सलाह दी जाती है।
अगली स्लाइड में जानिए क्या है ये ‘फ़ॉर्मूला-80’..
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क्या है डॉक्टर अग्रवाल का ‘फ़ॉर्मूला-80’
1. निम्नतम रक्तचाप, बुरे कोलेस्ट्रॉल का लेवल, आराम की करने के दौरान धड़कन, खाली पेट शुगर लेवल और कमर का साइज़ सभी 80 से कम रखन चाहिए।
2. गुर्दों और फेफड़ों की कार्यप्रणाली 80 प्रतिशत तक बनाए रखें।
3. नियमित तौर पर व्यायाम करें। दिन में 80 कदम हर रोज सैर करें।
4.हर आहार में 80 ग्राम से ज्यादा कैलोरी न लें। उच्च फाइबर, कम सैचुरेटेड फैट्स, कम रिफाइंड कार्बोहाइडेट्स और नमक वाला आहार लें।
5.साल में 80 दिन अनाज का उपवास रखें।
6. दिन में प्राणायाम के 80 चक्र करें।
7.आराम करने, ध्यान लगाने और दूसरों की मदद करते हुए अपने आप के साथ दिन में 80 मिनट बिताएं।
8.धूम्रपान न करें या फिर इलाज के लिए 80,000 रुपये खर्च करने के लिए तैयार रहें।
9.जो लोग शराब का सेवन करते हैं और छोड़ना नहीं चाहते, वे प्रतिदिन 80 ml से ज्यादा शराब न पीएं, महिलाएं पुरुषों के मुकाबले 50 प्रतिशत कम सेवन करें और एक हफ्ते में 80 ग्राम से ज्यादा न लें। 30 ml शराब में 10 ग्राम अल्कोहल होता है या 80 प्रूफ लीकर में एक औंस होता है।
10.अगर बचाव के लिए एस्प्रिन की सलाह दी गई हो तो 80 एमजी की ही डोज लें और डॉक्टर के कहने पर ही 80 एमजी एटोरवॉस्टाटिन का प्रयोग करें।