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हार्दिक पटेल ने साथियों को कहा था-सड़क पर फोड़ो सोडा की बोतलें, जलाओ टायर: पुलिस

pti10_18_2015_000216b_144स्तक टाइम्स/एजेंसी- गुजरात: अहमदाबाद. भारत-साउथ अफ्रीका के बीच 18 अक्टूबर को राजकोट में खेले गए वनडे मैच से एक दिन पहले पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल अशांति फैलाना चाहते थे। पुलिस ने यह आरोप लगाया है। पुलिस के मुताबिक, उसके पास हार्दिक और उनके सहयोगियों के बीच फोन पर हुई कथित बातचीत का ट्रांस्क्रिप्ट है। इसमें वे सभी हाईवे को ब्लॉक करने की प्लानिंग करते सुनाई देते हैं। हार्दिक ऐसा करने के लिए सड़कों पर सोडा बोतलें फोड़ने, वहां ट्रक खड़ा करने और टायर जलाने की बात कथित तौर पर कहते हैं। एक अंग्रेजी अखबार की खबर में यह दावा किया गया है।

क्या था मामला?
बता दें कि मैच वाले दिन पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कन्वीनर हार्दिक और उनके कुछ साथियों को स्टेडियम जाने की कोशिश करने के दौरान अरेस्ट कर लिया गया था। हार्दिक ने पाटीदार और पटेल कम्युनिटी के लिए रिजर्वेशन की डिमांड को लेकर मैच के दौरान प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। उन पर भड़काऊ बयान देने और सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोपों में देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है। हार्दिक पर सूरत पुलिस ने भी एक मामला दर्ज किया है। इसके मुताबिक, वे सुसाइड करने की धमकी देने वाले एक पाटीदार को जान देने के बजाए चार या पांच पुलिसवालों की हत्या करने की नसीहत देते हैं।
 
पुलिस के पास और क्या सबूत हैं?
अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पुलिस ने हार्दिक और उनके सहयोगियों के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें इन ट्रांस्क्रिप्ट्स के अलावा हार्दिक के बीते तीन महीने में दिए भाषणों की रिकॉर्डिंग्स का जिक्र है।
एफआईआर में सूरत और मेहसाणा में 17 और 18 अक्टूबर को कई जगहों पर हुई हिंसा और हाईवे ब्लॉक किए जाने का जिक्र है। आरोप लगाया गया है कि हार्दिक और उनकी टीम ने प्रदर्शनकारियों को भड़काया और सरकार का तख्तापलट करने की कोशिश की।
 
एक ट्रांसस्क्रिप्ट में हार्दिक मैच वाले दिन अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा जताते हुए सुनाई देते हैं।
 
25 अगस्त को अहमदाबाद में पाटीदार रैली में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार आरोपियों की फोन पर हुई बातचीत के ट्रांस्क्रिप्ट भी पुलिस के पास हैं। इनमें आरोपी कथित तौर पर पूरे गुजरात को घंटे भर में जला देने, सरकार का तख्ता पलट देने और ट्रेन जलाने की बातें करते सुनाई देते हैं।
 
एक दूसरी रिकॉर्डिंग में हार्दिक के साथी 25 अगस्त को अपने नेता की गिरफ्तारी के बाद ‘बड़ा हंगामा’ करने के तरीके डिस्कस करते सुनाई देते हैं।
 
पुलिस के मुताबिक, एक ट्रांस्क्रिप्ट्स में हार्दिक का एक साथी किसी अज्ञात शख्स को गोलियां तैयार रखने और हंगामा होने की स्थिति में गोली चलाने की बात कहते सुनाई देता है।
 
 
क्या है गुजरात में पटेल-पाटीदार कम्युनिटी का आंदोलन?
– पटेल-पाटीदार कम्युनिटी का रिजर्वेशन की मांग को लेकर आंदोलन ने अगस्त में गुजरात को हिलाकर रख दिया। 30 साल के बाद राज्य में इस पैमाने पर कोई आंदोलन हुआ। दिलचस्प यह है कि 30 साल पहले एक और आंदोलन आरक्षण के खिलाफ हुआ था, लेकिन इस बार आंदाेलन आरक्षण की मांग को लेकर हो रहा है।
– इस आंदोलन की अगुआई हार्दिक पटेल कर रहे हैं जो सिर्फ 22 साल के हैं।
 
क्या है पटेलों की मांग?
– पाटीदार-पटेल कम्युनिटी सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में रिजर्वेशन की मांग कर रही है। पटेलों की मांग है कि उन्हें ओबीसी कैटेगरी चाहिए। आेबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से लिस्टेड हैं। पटेल-पाटीदार खुद को 146वीं कम्युनिटी के रूप में ओबीसी की लिस्ट में शामिल कराना चाहते हैं।
गुजरात सरकार क्यों नहीं देना चाहती रिजर्वेशन?
 
गुजरात में इस समय ओबीसी के लिए 27% रिजर्वेशन है। पटेल अपर कास्ट हैं। इकोनॉमिकली और सोशली मजबूत हैं। इसी वजह से गुजरात सरकार ने उन्हें रिजर्वेशन देने से साफ मना कर दिया है।
 
राजनीतिक तौर पर कितने मजबूत हैं गुजरात के पटेल?
गुजरात में पटेलों की आबादी 20% है। गुजरात के 182 विधायकों में से 44 पटेल ही हैं। वहीं, लोकसभा की 26 सीटों में से 6 सांसद भी पटेल ही हैं।

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