राजनीति

हिंदुत्व कोई कंपनी नहीं है, जिसे शिवसेना ने छोड़ दिया है: ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीते कल यानी शनिवार को शिवसेना के 55वें स्थापना दिवस पर एक समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा- ”हिंदुत्व कोई कंपनी नहीं है, जिसे शिवसेना ने छोड़ दिया है बल्कि ऐसी चीज है जो दिल से आती है।” इसी के साथ उन्होंने कहा, ”देश ‘सामाजिक अशांति’ की ओर बढ़ रहा है । राजनीतिक दलों को यह तय करना चाहिए कि वे ताकत के लिए सत्ता चाहते हैं या आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के लिए। इस वक्त देश के समक्ष अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के दो प्रमुख मुद्दे हैं। अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल यह तय करें कि वे सत्ता के लिए राजनीतिक सफलता चाहते हैं या आर्थिक मोर्चे पर समाधान खोजने के लिए।”

आगे मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, ”सामाजिक अशांति इसका वर्णन करने के लिए कठोर शब्द ही होगा लेकिन देश निश्चिंत तौर पर इस दिशा में बढ़ रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियों को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। यह बिल्कुल सही समय है जब हमें तय करना चाहिए, वह समय आ गया है जब हमें यह सोचना चाहिए कि हम राजनीति में क्यों आये हैं ? हम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक ताकत चाहते हैं, अगर हम आर्थिक और स्वास्थ्य चुनौतियों को स्वीकार नहीं करते और सिर्फ एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं तो हमारा संकट खत्म नहीं होगा हम और संकट में पड़ेंगे।”

आप सभी जानते ही होंगे कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़ा करता रहा है और साथ ही इनकी विचारधारा को लेकर हमलावर रहा है। इसे देखते हुए उद्धव ठाकरे ने उन्हें जवाब देने की कोशिश की है और सभी राजनीतिक पार्टियों को ऐसे संक्रमण काल में एक दूसरे पर हमला करने के बजाय देशहित में साथ मिलकर काम करने का संदेश भी दे दिया है।

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