मुंबई: 2002 के हिट एंड रन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान खान को राहत देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया है। फैसले के दौरान सलमान खान कोर्ट में मौजूद थे। तीन दिन से लिखे जा रहे फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इस बात की पुष्टि करने में नाकाम रहा कि सलमान ने शराब पी थी और हादसे के वक्त वे ही गाड़ी चला रहे थे। कोर्ट ने कहा कि सबूतों के आधार पर सलमान को सजा संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि सलमान खान की याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस एआर जोशी ने घटना के चश्मदीद और घटना के वक्त सलमान के सरकारी बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल के बयान पर भी सवाल खड़े किए हैं, जिसके आधार पर सेशंस कोर्ट ने सलमान को सजा सुनाई है। जस्टिस जोशी ने रवींद्र पाटिल के बयान को पूरी तरह से अविश्वसनीय करार दिया है। साथ ही सलमान के ड्राइवर अशोक सिंह को 12 साल बाद कोर्ट में गवाही के लिए पेश किए जाने को भी हाईकोर्ट ने सही ठहराया है।
क्या है पूरा मामला
- सितंबर 2002 का मामला
- फ़ुटपाथ पर लोगों पर चढ़ी सलमान की कार
- हादसे में एक की मौत, चार ज़ख़्मी
- लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप
- अगले दिन सलमान गिरफ्तार, थाने से जमानत
- 6 मई 2015 को मुंबई सेशंस कोर्ट ने 5 साल की सज़ा सुनाई
- सजा के खिलाफ सलमान ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की
सरकारी पक्ष की दलील
- सलमान जानते थे नशे में गाड़ी चलाना खतरनाक है
- सिपाही ने गाड़ी तेज चलाने पर चेतावनी दी
- रास्ते से वाकिफ थे, जानते थे फुटपाथ पर लोग हैं
- मदद की बजाय भाग खड़े हुए
- चश्मदीदों ने सलमान को ड्राइवर सीट से उतरते देखा
सलमान की दलील
- उस रात ग्लास में शराब नहीं पानी था
- ड्राइवर गाड़ी चला रहा था
- मौके से भागे नहीं, लोगों की मदद की
- गेट जाम था इसलिए ड्राइवर सीट से उतरे सलमान
हाईकोर्ट की नजर में
- चश्मदीद रवींद्र पाटिल के बयान पर कोर्ट के सवाल
- FIR के 3 दिन बाद सलमान के नशे में होने के बयान पर सवाल
- रवींद्र पाटिल का बयान पूरी तरह अविश्वसनीय
- सलमान के ड्राइवर अशोक को 12 साल बाद पेश किया जाना सही
- कमाल खान को कोर्ट लाने की पूरी कोशिश नहीं
- सलमान के नशे में होने का सबूत देने में नाकाम अभियोजन पक्ष
- सलमान ही गाड़ी चला रहे थे इसके सबूत नहीं
- पुलिस के पंचनामे में भी कई कमियां