हिन्दू धर्म में इसलिए व्रत रखने की इतनी मान्यता है
धार्मिक दृष्टी से देखा जाए तो हिन्दू धर्म में सभी धार्मिक कर्म-काण्डों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है इन्ही धार्मिक कर्म काण्डों का एक मुख्य भाग व्रत भी होता है जो हिन्दू धर्म में व्यक्ति की आस्था से जुड़ा है. हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में बहुत से व्रतों का उल्लेख किया गया है तथा इन्हें रखने से प्राप्त होने वाले फल के विषय में भी बताया गया है.
हिन्दू धर्म के सभी व्रतों का कोई न कोई विशेष महत्व होता है जिससे व्यक्ति को उस व्रत से सम्बंधित लाभ की प्राप्ति होती है हिन्दू धर्म में बहुत से व्रतों का उल्लेख किया गया है आज हम आपको कुछ ऐसे ही व्रतों के विषय में बताएँगे जिन्हें रखने से आपको कई शारीरिक लाभ के साथ ही यह आपकी मनोकामना को भी पूर्ण करते है.
नवरात्रि व्रत – यह व्रत हिन्दू धर्म में मुख्य स्थान रखता है वर्ष में दो बार आने वाले इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी आर्थिक समस्याओं का अंत होता है इसके साथ ही इस व्रत को रखने से व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ भी रहता है.
एकादशी व्रत – यह व्रत हिन्दू धर्म में अधिक प्रचलित है इसे रखने से व्यक्ति को सभी प्रकार के मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है तथा उसका मन शांत रहता है इसके साथ ही यह व्रत व्यक्ति के जीवन से धन के आभाव को भी दूर करता है.
अमावश्या व पूर्णिमा व्रत – प्रत्येक माह में आने वाली पूर्णिमा व अमावश्या को भी व्रत रखने से व्यक्ति को बहुत से लाभ प्राप्त होते है इस व्रत को रखने से व्यक्ति के शरीर का हार्मोन्स संतुलित रहता है तथा हार्मोन्स की सभी समस्याएँ समाप्त हो जाती है इसके साथ ही यह व्रत आपको अद्रश्य शक्तियों के दुष्प्रभाव से बचाता है