हिमाचल प्रदेश में गहरा सकता है बिजली संकट
दस्तक टाइम्स/एजेंसी- हिमाचल प्रदेश: केंद्र सरकार की लापरवाही के चलते हिमाचल प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है। पहली नवंबर से केंद्र सरकार ने हिमाचल को बिजली सप्लाई का गैर आवंटित कोटा जारी करना था लेकिन दो सप्ताह बीतने के बाद भी कोटे की सप्लाई नहीं मिल रही है। जरूरतमंद राज्यों को मुश्किल के समय में केंद्र सरकार अन अलोकेटिड कोटा देती है। कोटे के तहत हिमाचल को प्रतिदिन 65 से 75 मेगावाट बिजली मिलनी है।
इस कोटे की सप्लाई की एवज में हिमाचल सरकार केंद्र को शुल्क चुकाएगी। उधर, हिमाचल प्रदेश की विद्युत परियोजनाओं में इन दिनों उत्पादन 60 फीसदी तक घट गया है। दिल्ली, पंजाब और उत्तरप्रदेश कोे गर्मियों में दिया कोटा वापस लेकर प्रदेश में गुजारा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में प्रदेश में बिजली की डिमांड और अधिक बढ़ेगी। अगर केंद्र सरकार ने कोटा जारी नहीं किया तो देश के ऊर्जा राज्य हिमाचल में संकट खड़ा हो जाएगा।
तीन राज्यों से मिल रही 71 लाख यूनिट- गर्मियों के मौसम में हिमाचल प्रदेश ने पंजाब, उत्तरप्रदेश और दिल्ली को बिजली सप्लाई दी थी। अब सर्दियों के मौसम में इन राज्यों से सप्लाई हिमाचल को लौटाई जा रही है। तीनों राज्यों से कुल 71.4 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन वापस की जा रही है।
दिल्ली से 12.8 लाख यूनिट, उत्तरप्रदेश से 53.6 लाख यूनिट और पंजाब से 5 लाख यूनिट बिजली ली जा रही है। 16 नवंबर से उत्तरप्रदेश और दिल्ली 14 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई और वापस करना शुरू करेंगे। बिजली सप्लाई देने और लेने की प्रक्रिया को बैंकिंग कहा जाता है।
विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन 60 फीसदी घटा- हिमाचल प्रदेश में गर्र्मियों के मौसम में विद्युत परियोजनाओं में 440 लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली उत्पादन होता है। इन दिनों उत्पादन घटकर 180 से 200 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गया है।
बिजली उत्पादन में 60 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हिमाचल में बिजली की डिमांड भी बढ़ गई है। इन दिनों 240 से 250 लाख यूनिट प्रति दिन की डिमांड है। आने वाले दिनों में यह डिमांड 270 से 280 लाख यूनिट तक पहुंच जाएगी।
हिमाचल बेच रहा 30 लाख यूनिट ग्रीन पावर- हिमाचल को राज्य में उत्पादन कम होने के बावजूद प्रतिदिन 30 लाख यूनिट ग्रीन पावर बेचनी भी पड़ रही है। सभी राज्यों सरकारों को केंद्र सरकार ने यह कोटा बेचना अनिवार्य किया है। प्रदेश में स्थित थर्मल पावर प्रोजेक्टों से 10 फीसदी बिजली बेचनी पड़ती है। इसे ग्रीन पावर कहते हैं।
केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जल्द से जल्द बिजली का गैर आवंटित कोटा जारी करने की मांग की जाएगी। आने वाले दिनों में हिमाचल में बिजली की डिमांड बढ़ेगी। ऐसे में केंद्र सरकार से प्राथमिकता के आधार पर हिमाचल को कोटा देने को कहा जाएगा। प्रदेश में अभी बिजली संकट नहीं है। केंद्र ने कोटा नहीं दिया तो संकट गहरा सकता है।