पर्यटन

हिमाचल प्रदेश में ट्रैकिंग का मजा लेने के लिए मशहूर हैं ये 6 जगहें

4_1453713839ट्रैवलिंग और ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए हिमाचल जाना बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता है जहां आप अपने पैशन को पूरा कर सकते हैं। बर्फ से ढ़के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ना, वहां से आसपास के नजारों को देखना बहुत ही अच्छा एक्सपीरिएंस होता है। हिमाचल जाकर आप बहुत ही कम समय में बहुत सारी जगहें घूम सकते हैं।
 
पिन पार्वती पास
ऊंचाई 5319 मीटर
यह एक चैलेैजिंग ट्रैक है। इस ट्रैकिंग में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के जंगली रास्ते, बिना पुल के नदिओं को पार करना और ग्लेशियर का सामना करना पड़ता है। इस ट्रैकिंग में शामिल जोखिम भी सुकून देने का काम करता है, क्योंकि ट्रैकर को हिमालय के दो पूरी तरह से विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं।

 

रिओ पुरगयिल पर्वत
 ऊंचाई 6816 मीटर
ट्रैकिंग टाइम- 6 दिन
यह पर्वत हिमाचल प्रदेश का सबसे ऊंचा पर्वत है। यह पर्वत हिमाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा पर है, जहां जाने के लिए विदेशी पर्यटकों को इनर लाइन परमिट लेनी पड़ती है। इस ट्रैक की शुरुआत किन्नौर जिले के नाको गांव से होती है। यहां से 5500 मीटर तक लगातार चढ़ाई देखने को मिलती है।1_1453713838
किन्नौर कैलाश पर्वत
 ऊंचाई 6349 मीटर
ट्रैकिंग टाइम- 7 दिन
किन्नौर कैलाश हिमाचल के उत्तर पूर्व हिस्से में पड़ता है। इस पर्वत के लिए सबसे सही ट्रैक शिमला से शुरू होती है, जहां से पर्यटक सांगला जा सकते हैं। सांगला से थांगी जाकर ट्रैकिंग की शुरुआत होती है। कुछ दिनों की ट्रेकिंग के बाद छरंग ला पास (5300 मीटर) तक पहुंचने के बाद गहरी घाटियां देखने को मिलती है
मनी महेश लेक
 ऊंचाई 4,080 मीटर
ट्रैकिंग टाइम- 5 दिन
मनी महेश लेक को डक लेक के नाम से भी जाना जाता है। जो हिमालय के पिर पंजाल रेंज के पास चंबा जिले में स्थित है। मनी महेश, मानसरोवर लेक के भी काफी पास है इसलिए इसकी अपनी एक धार्मिक मान्यता भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव में देवी पार्वती से शादी के बाद मनी महेष लेक को बनाया था इसलिए अगस्त और सितंबर यानि भादो महीने में यहां दर्शन करने आने वालों की खासतौर से भीड़ को देखा जा सकता है। इसकी ट्रैकिंग के लिए भानलौर-हड़सर मनी महेश रूट को फॉलो किया जाता है जिसके लिए 13 किमी का रास्ता तय करना होता है। वैसे लाहौल और स्पीती रूट को भी इस ट्रैकिंग के लिए फॉलो किया जा सकता है। कांगड़ा और मंडी से आने वाले लोगों के लिए करवारसी पास और जलसू पास रूट ज्यादा सुविधाजनक है।
5_1453713839चन्द्रतल ट्रैक
 ऊंचाई 14,1000 फीट
ट्रैकिंग टाइम- 4 दिन
चंद्रतल यानि चांद पर चलना, और सच में यहां ट्रैकिंग करने पर ऐसा ही अहसास होता है। स्पीती वैली के पास स्थित है। बीन्स के आकार का ये लेक 2.8 किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसका पानी क्रिस्टल जैसा क्लियर है और इसे ब्लू रंग के कई शेड्स में भी देखा जा सकता है। लेक के आसपास ट्रैकिंग के दौरान कैंप लगाकर यहां के खूबसूरत नजारों का भी आनंद लिया जा सकता है। ट्रैकिंग के लिए मई से अक्टूबर तक का टाइम बेस्ट होता है। कुंजुम पास और बातल पास रूट को ट्रैकिंग के लिए फॉलो किया जाता है।

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