हुआ पर्दाफाश, 25 करोड़ की पुरानी करेंसी मामले में उलझते दिखे 13 हवाला व्यापारी
अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह पैसा संजीव मित्तल समेत 13 लोगों का है, जो उन्होंने हवाला कारोबार के जरिये कमाए थे, लेकिन नोटबंदी के बाद उन्हें बदलने का मौका नहीं मिल सका। एसएसपी मेरठ मंजिल सैनी ने बताया कि संबंधित सभी दस्तावेज पुलिस ने आयकर विभाग को सौंप दिए हैं। आयकर विभाग पूरे मामले की जांच करेगा। पुलिस इस पूरे प्रकरण में कोर्ट में चालानी रिपोर्ट पेश करेगी।
कई राज्य के लोगों के नाम
आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो फाइलों की जांच में यह भी साबित हो गया है कि सभी व्यापारी हवाला कारोबार से जुड़े हुए हैं। इन फाइलों में मुंबई, दिल्ली और नोएडा के कुछ व्यापारियों के नाम दर्ज हैं, जो संजीव मित्तल के साथ हवाला कारोबार से जुड़े हुए थे। मामले में आयकर विभाग जल्द ही मेरठ के अन्य व्यापारियों से भी पूछताछ करेगा।
यह है कानूनी प्रक्रिया
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि नोटबंदी के बाद रकम रखना अपराध तो है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के अनुसार एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती। केवल धारा 5/7 के तहत कोर्ट में चालानी रिपोर्ट पेश करेंगे। अदालत ही निर्णय लेगी कि संजीव मित्तल और अन्य आरोपियों पर क्या कार्रवाई होगी।
जमा करना पड़ सकता 125 करोड़
पुलिस की मानें तो धारा 5/7 के तहत चालानी रिपोर्ट पर सुनवाई होती है तो संजीव मित्तल पर सरकारी खजाने में पांच गुना पैसा जमा करना होगा। यानी कोर्ट 125 करोड़ तक का संजीव मित्तल पर जुर्माना कर सकता है।
यह है मामला
कंकरखेड़ा थाना पुलिस ने राजकमल एन्क्लेव में रहने वाले संजीव मित्तल के यहां से पुरानी करंसी के 25 करोड़ रुपये बरामद किए थे। 1000 और 500 के इन पुराने नोटों के साथ राजनगर पालमपुर दिल्ली निवासी नरेश अग्रवाल, ब्रह्मïपुरी मेरठ निवासी विनोद शर्मा, बृजविहार कॉलोनी परतापुर निवासी अरुण कुमार को भी हिरासत में लिया था। तीनों से अभी भी पूछताछ हो रही है।