हेपेटाइटिस बी लीवर में होने वाला एक रोग है जो हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण फैलता है। यह एक घातक बीमारी है जिसका लंबे समय तक पता नहीं चल पाता है। यह संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से फैलता है। लंबे समय तक इस बीमारी का पता न चलने पर सिरोसिस या लीवर कैंसर के कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। हेपेटाइटिस बी आज एक ग्लोबल हेल्थ प्रॉब्लम बन चुका है और दुनियाभर में करीब 257 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में हैं।
यह बीमारी असुरक्षित यौन संबंध बनाने, संक्रमित मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे में, संक्रमित सूई, रेजर और दूषित खून से संक्रमित उपकरण से टैटू बनवाने से फैलती है। इसके कुछ सामान्य लक्षण माइल्ड फ्लू, सिर दर्द, हल्का पेट दर्द, जी मिचलाना, भूख न लगना, शरीर में दर्द और थकान आदि हैं। वर्ल्ड हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
आंवला –
आंवले में एंटी वायरल गुण पाया जाता है। हेपेटाइटिस बी से छुटकारा पाने के लिए आप आमले के रस में शहद मिलाकर दिन में कई बार इसका सेवन करें। इसके अलावा आंवले के रस को पानी में मिलाकर इसका सेवन करें या सूखे आमला पावडर में गुड़ मिलाकर एक महीने तक दिन में दो बार खाएं।
अदरक:
अदरक की चाय नियमित पीने से हेपेटाइसिस बी से निजात पाया जा सकता है। खाना खाने के बाद अदरक के रस का सेवन करने से जल्दी फायदा होता है।
लहसुन:
लहसुन में मेटाबोलाइट्स और अमीनो एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हेपेटाइटिस बी के वायरस को तेजी से खत्म करने में मदद करता है। कच्चे लहसुन की कलियां चबाने से लीवर की बीमारी से छुटकारा मिलती है।
चुकंदर-
इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन, पोटैशियम, फॉलिक एसिड, मैग्नीशियम, कैल्शियम और कॉपर के अलावा विटामिन ए, बी और सी पाया जाता है। ये सभी मिनरल्स लीवर में डैमेज सेल्स को दोबारा जोड़कर सूजन और दर्द से राहत दिलाते हैं। दो गिलास चुकंदर का जूस रोजाना पीने से पीलिया में जल्दी आराम मिलता है।
ऑलिव लीफ:
ऑलिव लीफ में फाइटोकेमिकल नाम का एक कंपाउंड पाया जाता है जिसे ओलेरोपिन कहते हैं जिसमें मजबूत एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण मौजूद होते हैं। एक कप पानी में एक चम्मच सूखे ऑलिव लीफ को दस मिनट तक उबालें और फिर इसे छानकर दिन में तीन बार पीएं। ऑलिव लीफ की जगह बाजार में उपलब्ध ऑलिव लीफ के 500 एमजी कैप्सूल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इसे नजदीकी मेडिकल स्टोर से या ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं।
मुलेठी-
मुलेठी में एंटी वायरल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हेपेटाइटिस बी के वायरस को खत्म कर देता है। पीलिया से बचने के लिए मुलेठी के टुकड़े को दिन में दो से दिन बार चबाएं। आप चाहे तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
हल्दी:
प्रोटेक्टिव एजेंट की तरह काम करती है और इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट लीवर से जुड़ी कई तरह की बीमारियों से हमें बचाती है। खाना पकाते समय हल्दी का ज्यादा इस्तेमाल करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। नीम: नीम में मौजूद एंटी वायरल गुण लीवर में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थों को नष्ट कर देता है। नीम के पत्तियों को अच्छी तरह से धोकर इसका रस निकालें और लगभग 30 एमएल रस में 15 एमएल शहद मिलाकर एक हफ्ते तक रोज सुबह खाली पेट चाटें।
नीम:
नीम में मौजूद एंटी वायरल गुण लीवर में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थों को नष्ट कर देता है। नीम के पत्तियों को अच्छी तरह से धोकर इसका रस निकालें और लगभग 30 एमएल रस में 15 एमएल शहद मिलाकर एक हफ्ते तक रोज सुबह खाली पेट चाटें।
नींबू:नीबू पानी का सेवन करने से उल्टी और भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती है। पपीते के बीज के रस में नीबू मिलाकर सेवन करें। अंगूर के रस में ऑलिव ऑयल और नीबू का रस मिलाकर पिएं इससे लाभ होगा।
डेंडिलियन :
लीवर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। थोड़े से पानी में डेंडिलियन की सूखी या ताजी पत्तियों या फूलों को दस मिनट तक उबालें और इसे छानकर पीएं।