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हेलीकॉप्टर से बेटे की बारात ले जाने की खातिर बनवाया शौचालय

heli-s_650_050916042538मध्य प्रदेश के जिला सीहोर के गांव अजमत नगर के 50 वर्षीय किसान सूरज सिंह गुर्जर को जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से बेटे की बहू विदा करके लाने की अनुमति इस शर्त पर दी कि वह पहले अपने घर में शौचालय बनवाए और बिजली का कनैक्शन कराए. बेटे के लिए बहू की विदाई हेलीकॉप्टर से कराकर लाना मूंछ का सवाल था. इसके लिए सूरज सिंह न चाहते हुए भी घर में शौचालय बनवाने की शर्त मानने के लिए राजी हो गया.

शादी से एक दिन पहले बना शौचालय
शादी 27 अप्रैल हो होनी थी तो इसके ठीक एक दिन पहले ही घर के बाहर एक शौचालय रंग पुतकर तैयार हो गया. यह पहला मामला है जहां हेलीकॉप्टर की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण कोई ग्रामीण घर में शौचालय व बिजली का कनेक्शन कराने के लिए राजी हुआ. सूरज सिंह जितना पैसा हेलीकॉप्टर पर सिर्फ 12 घंटे में उड़ाने के लिए तैयार है उतने में वह अपने गांव से 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव महुआपुरा तक लग्जरी गाड़ियों का काफिला लगातार मिलाकर भी खड़ा कर देते तो भी पैसा बच जाता.

दरअसल सीहोर जिले के श्यामपुर की गांव पंचायत अजमत नगर के किसान सूरज सिंह गुर्जर के छोटे बेटे नेमसिंह गुर्जर का विवाह गांव से 20 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम महुआखेड़ा में रहने वाले महेंद्र सिंह गुर्जर के यहां तय हुआ. सूरज सिंह के बेटे ने शादी शान से करने के लिए पिता के सामने हेलीकॉप्टर से बहू की विदा कराने का प्रस्ताव रखा तो वह तैयार हो गए.

शौचालय नहीं तो हेलीकॉप्टर की अनुमति नहीं
इसके लिए एक हेलीकॉप्टर एजेंसी से संपर्क कर हेलीकॉप्टर को 70 हजार रुपए प्रति घंटे के हिसाब से तय कर 12 घंटे के लिए तकरीबर 5 लाख रुपए की धनराशि जमा करा दी गई. लेकिन इसको उतारने के लिए जब उन्होंने जिला प्रशासन में आवेदन दिया तो जांच के लिए गांव पहुंचे नायब तहसीलदार कुलदीपक दुबे ने घर के हालातों को देखते हुए न सिर्फ आश्चर्य जताया बल्कि हेलीकॉप्टर की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया. किसान के अनुरोध पर उनका कहना था कि जिस घर में शौचालय नहीं है, बिजली का कनेक्शन भी नहीं है तो उस घर के मुखिया को सिर्फ बहू की विदा कराने के लिए हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति नहीं दी जा सकती. अनुमति चाहिए तो पहले घर में शौचालय बनावाओ. बिजली का कनेक्शन भी कराओ. इसके बाद ही हेलीकॉप्टर से बहू को घर लाने की सोचो.

शान के लिए स्वीकार की दोनों शर्तें
इस प्रशासनिक अड़ंगे के बाद सूरज को जब लगा कि गांव में उसकी बात खराब न हो जाए तो उसने फौरन ही दोनों शर्तों को पूरा करने की बात स्वीकार कर शादी के पहले दोनों ही काम पूरे करने का वादा कर लिया. अब इसी वादे के तहत किसान सूरज सिंह ने घर के बाहर नई बहू के लिए एक शौचालय का निर्माण करा दिया. घर में बिजली के संयोजन के लिए पैसा भी जमा करा दिया और दोनों ही काम होने के बाद आखिरकर जिला प्रशासन ने उनको हेलीकॉप्टर से बारात ले जाने की अनुमति भी दे 

सूरज सिंह का कहना है कि हेलीकॉप्टर की अनुमति नहीं मिलती तो गांव में बात खराब हो जाती. ये मूंछ का सवाल था. गांव में इज्जत के लिए पैसों का कोई मोल नहीं है. 12 घंटे में पांच लाख तो क्या बेटों की खुशी और गांव में रुतबे के लिए इससे ज्यादा पैसे भी खर्च करने के लिए तैयार हैं. सूरज का बेटा नेम सिंह ने कहा कि हेलीकॉप्टर किराए पर देने वाली इंदौर की एक कंपनी ने उससे संपर्क किया तो उसने यह बात अपने पिता को बताई. वह तैयार हो गए. हेलीकॉप्टर से विदाई की बात सुनकर उसकी होने वाली पत्नी राजकुमारी भी खुश हुई. वहीं नायब तहसीलदार कुलदीपक दुबे का कहना है कि आवेदन की जांच के लिए जैसे ही उनको निर्देश मिले तो उन्होंने सबसे पहले घर में शौचालय तक नहीं होने की बात पर आपत्ति जताई. शौचालय बनवाने व बिजली का संयोजन लेने की शर्त मानने के बाद हेलीकॉप्टर की अनुमति दे दी गई. इसके लिए पीडब्ल्यूडी व पुलिस को भी सूचित करते हुए हेलीपैड भी तैयार करा दिया गया है.

गरीबी रेखा में था सूरज का नाम
जिस किसान सूरज सिंह ने बेटे की शादी के लिए हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति के लिए आवेदन दिया था उसका नाम गांव की गरीबी रेखा की सूची में दर्ज था. उपजिलाधिकारी राजकुमार खत्री का कहना है कि जांच के बाद गरीबी रेखा की सूची से सूरज का नाम हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं.

फसल बेचकर जुटाए थे पैसे
सूरज सिंह का कहना है कि उनके पास 80 एकड़ सिंचित जमीन है. उसमें गेहूं, चना और धना की खेती होती है. इस साल फसल अच्छी हुई और इससे जो पैसा मिला उसे बेटे की शादी में खर्च किया.

बैंक का खाता तक नहीं है किसान परिवार का
लाखों रुपए हेलीकॉप्टर में खर्च करने वाले किसान परिवार में किसी का बैंक खाता तक नहीं है.

गांव में नहीं एक भी शौचालय
करीब 1200 आबादी वाले गांव अजमत नगर में एक भी शौचालय नहीं है. ग्रामीण आज भी पुरानी व्यवस्था को ही अपनाए हुए हैं. पूरे गांव में एक भी शौचालय नहीं है. बीजेपी शासित मध्यप्रदेश के इन ग्रामों में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई देती. गांव की महिलाएं भी खुले में शौच करने जातीं हैं. जिला प्रशासन के अधिकारी कहते हैं कि हेलीकॉप्टर की अनुमति सशर्त देने के बाद अजमत नगर के ग्रामीणों ने अपने अपने घरों में शौचालय बनवाने की शपथ ले ली है.

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