यहां महालक्ष्मी जी के चरणों में खुद सूर्य देवता करते हैं प्रणाम
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर इस मायने में भी दूसरे मंदिरों से अलग है कि जहां अन्य हिंदू मंदिरों में देवी पूरब या उत्तर दिशा की ओर देखते हुए मिलती हैं वहीं इस मंदिर में महालक्ष्मी पश्चिम दिशा की ओर देख रही हैं।
मंदिर की खास बात यह है कि यहां महालक्ष्मी जी के चरणों में खुद सूर्य देवता प्रणाम करते हैं। दरअसल यहां पश्चिमी दीवार पर एक खिड़की बनी हुई है जिसके चलते मार्च और सितंबर में 21 तारीख के आसपास तीन दिनों तक सूर्य की किरणें देवी को रोशनी से सराबोर करते हुए चरणों को प्रणाम करती हैं।
यह माना जाता है कि यहां श्री महालक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ निवास करती हैं। मंदिर का निर्माण 700 ईसवीं में कन्नड़ के चालुक्य साम्राज्य के समय में किया गया था। मंदिर में काले पत्थर का एक मंच हैं जिस पर महालक्ष्मीजी की चार हाथों वाली काले पत्थर से बनी प्रतिमा है।
देवी चारों हाथों में अमूल्य वस्तुएं धारण किये हुए हैं। उनके सिर पर गहनों से सजा मुकुट है जिसका वजन चालीस किलोग्राम बताया जाता है। इस मुकुट में भगवान विष्णु के शेषनाग नागिन का चित्र भी है। साथ ही मंदिर की दीवार में श्री यंत्र को पत्थर पर खोद कर बनाया गया है।