होने से पहले ही अकालियों की विशाल सद्भावना रैली पर विवाद
मामले को लेकर डीसी बसंत गर्ग का कहना है कि उन्होंने स्कूल बंद करने के कोई आदेश जारी नहीं किए। वहीं, स्कूल प्रबंधक कहते हैं कि स्कूलों का रैली से कोई लेना देना नहीं। मर्जी से स्कूल बंद किए गए हैं।
दूसरी ओर, कुछ स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि नेताओं ने उनसे स्कूल बंद करने को कहा। इसके अलावा वे मामले में कुछ नहीं कहना चाहते।
अभिभावकों का कहना है कि पहले दीवाली की छुट्टियां और अब तीन दिन और छुट्टी। 23 को सद्भावना रैली, 24 को शहीदी दिवस और 25 को प्रकाशोत्सव। ऐसे में दिसंबर के प्री-फाइनल की तैयारी बच्चे कैसे करेंगे?
इसे लेकर कांग्रेस ने अकालियों पर तीखा वार किया और कहा कि रैली में आने वालों के वाहनों की पार्किंग के लिए स्कूल बंद कराए गए हैं। बता दें कि इससे पहले 11 सितंबर को नरेंद्र मोदी की रैली के लिए चंडीगढ़ में स्कूल बंद कराए गए थे, जिसे लेकर बाद में काफी हंगामा हुआ।
रैली स्तर पर आम लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों के बजाए दरियां ही बिछाई गई हैं जबकि स्टेज के ठीक नीचे वीआईपी और मीडिया के लिए कुर्सियों का प्रबंध किया गया है।
रैली की शुरुआत के दौरान ढाडी जत्थे धार्मिक वारें पेश करेंगे। उसके बाद अन्य नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री तथा उप मुख्यमंत्री लोगों को संबोधित करेंगे।
भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, प्रदेश प्रधान कमल शर्मा और हेल्थ मिनिस्टर सुरजीत ज्याणी भी रैली में आएंगे। साथ ही बठिंडा, रामपुरा फूल जैसे हलकों, जहां पार्टी का आधार है वहां से भी कार्यकर्ताओं को लाने को कहा गया है।
रैली स्थल पर प्रबंधों की जिम्मेदारी अकाली दल के यूथ विंग तथा छात्र विंग एसओआई को सौंपी गई है जबकि उप मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और अन्य नेतागण पिछले कई दिनों से खुद रैली स्थल पर मौजूद रहकर प्रबंधों की देखरेख कर रहे हैं।
सद्भावना रैली के कारण होने वाली ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं लेकिन रैली में बड़ी संख्या में पहुंचने वाली बसों व अन्य वाहनों के कारण आम लोगों को दिक्कतें पेश आने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
यही नहीं रैली को लेकर बठिंडा अमृतसर नेशनल हाईवे पर पुलिस व सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा पुलिस के बम निरोधक दस्ते, डॉग स्कवायड व अन्य सुरक्षा बल भी पूरा समय रैली स्थल के आसपास तैनात रहेंगे। सुरक्षा प्रबंधों को लेकर करीब 7 जिलों से पुलिस मुलाजिमों को विशेष तौर पर बठिंडा बुलाया गया है।
रैली में शामिल होने वाले लोगों को कडी सुरक्षा से गुजरना पड़ेगा। एंट्री प्वाइंट पर जहां बड़ी संख्या में मैटल डिटेक्टर लगाए गए हैं वहीं पुलिस द्वारा भी हर शख्स की जांच की जाएगी।