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होम लोन ईएमआई को मैनेज करने के 5 तरीके

होम लोन का आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद अगला कदम ईएमआई का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करना है। इसके अभाव में घर खरीदने का मजा किरकिरा हो सकता है क्योंकि तब आप दूसरी तरह के उलझन में फंस सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में जिन्हें आप होम लोन ईएमआई को मैनेज करने में अपना सकते हैं…

समय पर ईएमआई भरने से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों का आप पर भरोसा बढ़ता है। कभी ईएमआई भरने के पैसे नहीं बचें, ऐसी परिस्थिति को टालने के लिए ईएमआई शेड्यूल को वेतन मिलनी की तारीख के नजदीक करवा लें। समय पर ईएमआई नहीं भरने पर कर्ज देनेवाले संस्थान भारी-भरकम जुर्माना तो वसूलते ही हैं, क्रेडिट स्कोर भी कम कर देते हैं। अगर ईएमआई लगातार नहीं भर पा रहे तो घर अटैच होने की भी आशंका होती है।
बोनस या इंश्योरेंस पॉलिसीज मच्योर होने पर मिली एकमुश्त रकम से होम लोन का बड़ा हिस्सा चुकाते रहना चाहिए। मसलन, 9% की ब्याज दर पर 15 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लेने के तीन साल बाद अगर आपने एकमुश्त 1 लाख रुपये जमा कर दिए तो आपको ब्याज का 1.9 लाख रुपये बचा सकते हैं और ईएमआई पेमेंट की अवधि 5 महीने घटा सकते हैं। अगर आपने इसी तरह कुछ और बार एकमुश्त रकम जमा करा दी तो ईएमआई की अवधि बहुत कम हो जाएगी। कोशिश करें कि लोन मिलने के शुरुआती सालों में एकमुश्त रकम वापस कर दें जब ईएमआई में से ज्यादा रकम ब्याज में चली जाती है।

23,000 रुपये के मुकाबले 35,000 रुपये की ईएमआई बड़ी तो है, लेकिन लोन रीपेमेंट के मामले में ‘बड़ा ही बेहतर’ है। अगर आप कम ईएमआई रखने के चक्कर में लोन चुकाने की अवधि बढ़ा लेते हैं तो आपको ज्यादा ब्याज देना होता है। मसलन, 9% की दर से 60 लाख रुपये के होम लोन पर 20 वर्ष के लिए 53,984 रुपये की ईएमआई पड़ती है जो 48,277 रुपये पर 30 वर्ष की हो जाएगी। यानी, 5,707 रुपये की कम ईएमआई के लिए 10 साल तक कर्ज के जाल में फंसे रहना पड़ेगा।

हर साल एक अतिरिक्त ईएमआई भरने की कोशिश करें। हालांकि, शुरू-शुरू में ऐसा करना कठिन होगा, लेकिन आगे जाकर यह फायदेमंद होगा। सामान्यतः ब्याज दरों में बदलाव वाले निश्चित अवधि के लोन के लिए प्रीमेंट पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। अगर आप हर वर्ष एक ईएमआई ज्यादा भरते हैं तो कर्ज की बची रकम घटती है। जरा सोचकर देखिए, अगर आपने 10, 15 या 20 वर्ष के होम लोन पर हर वर्ष एक ज्यादा ईएमआई भरते हैं तो कितना फायदा होगा।होम लोन लेने के बाद कोई दूसरा बैंक या वित्तीय संस्थान कम ब्याज दर ऑफर कर रहा हो और इससे आपके कर्ज का बोझ वाकई कम हो रहा हो तो बेहिचक स्विच कर लें। दरअसल, बैंक और वित्तीय संस्थान अक्सर कम दर का ऑफर देते रहते हैं। हालांकि, आपको स्विच करने में फिर से पेपरवर्क करना होगा और फी भी भरनी होगी।

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