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73 राहत शिविर एवं 77 बाढ़ चौकियां स्थापित -मुख्य सचिव

beh floodलखनऊ। नेपाल में बादल फटने से उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। बाढ़ की कहर से अब तक २८ लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है जबकि दर्जनों लोग लापता हैं। बहराइच की हालत इतनी बदतर हो गई है कि वहां सेना के हेलीकॉप्टर से राहत कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने रविवार को राजधानी में पत्रकारों को बताया कि उत्तराखण्ड भारी वर्षा व नेपाल में बादलों के फटने के कारण प्रदेश की कई नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाने के कारण प्रदेश के ०९ जनपद प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि घाघरा, शारदा , सरयू, राप्ती एवं अन्य सहायत नदियों मे अचानक जलस्तर बढ़ जाने से लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोण्डा, फैजाबाद तथा सिद्धार्थनगर जनपद प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों एवं व्यक्तियों को राहत प्रदान कराये जाने के लिए ७३ राहत शिविर एवं ७७ बाढ़ चौकियां स्थापित करा दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुॅचाने के लिए लगभग ६७९ नावें तथा आर्मी के ०२ हेलीकाप्टर का उपयोग कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एन०डी०आर०एफ० (राष्ट्रीय आपदा राहत दल) भी प्रभावित लोगों की मदद हेतु तैनात करा दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों से निरन्तर सम्पर्क रखकर आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने की जानकारी एवं कुशल क्षेम अवश्य प्राप्त की जाय। मुख्य सचिव ने बताया कि बाढ़ की विभीषिका से सबसे ज्यादा बहराइच जिला प्रभावित हुआ है। यहां की दो तहसीलों के २०२ से अधिक गांव जलमग्न हो गये हैं और अब तक यहां १४ लोगों के मरने की खबर है। उन्होंने बताया कि इस जिले के प्रभावित क्षेत्रों के २०० से अधिक घर भी बाढ़ से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। आलोक रंजन ने बताया कि बहराइच में एनडीआरएफ के अलावा पीएसी की दो प्लाटून और लगभग ३०० नावों को राहत कार्य में लगाया गया है। साथ ही सेना के दो हेलीकॉप्टर पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं और राहत सामग्री बांटने में लगे हैं। अब तक बहराइच के ४८०० लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाया जा चुका है। मुख्य सचिव का कहना है कि बहराइच में जल्द ही बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि वहा पानी का स्तर कम होने का संकेत मिला है। बाढ़ से दूसरा सबसे अधिक प्रभावित जिला श्रावस्ती है जहां दो तहसीलों के ११७ गांव पानी की चपेट में आ गये हैं। यहां से अब तक दो लोगों के मरने की खबर है। मुख्य सचिव ने बताया कि जहां बहराइच में पानी स्थिर हो गया है वहीं बलरामपुर में पानी का स्तर बढ़ना जारी है। यहां तीन तहसीलों के लगभग ७६ गांव अब तक बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। अभी तक एक मौत की पुष्टि हुई है। राहत कार्य में लगे दल ने अब तक ६६० लोगों को सुरक्षित निकाला है। मुख्य सचिव ने बताया कि लखीमपुर खीरी जनपद के पांच तहसील स्थित १५७ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इस जिले से अब तक सात लोगों के मरने की खबर मिली है। साथ ही २०० से अधिक मकान पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसके अलावा सीतापुर से चार लोगों के मरने की खबर है। इस जिले की तीन तहसीलों के १०७ गांव बाढ़ की चपेट में बताये जा रहे हैं। उधर गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद और आजमगढ़ के भी दर्जनों गांव बाढ़ से कघरे बताये जा रहे हैं लेकिन इन जिलों से अभी तक किसी लन की हानि की खबर नहीं है।

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