अद्धयात्म

​चंद्र ग्रहण पर क्या करें और क्या करने से बचें

इस साल का पहला चंद्रग्रहण बुधवार को लगेगा। लोग सुपर ब्लड ब्लू मून देखने को लेकर काफी उत्साहित हैं। इसके लिए बाकायदा स्कूलों में तैयारियां की गई हैं, जहां से बच्चे चांद का दीदार कर सकेंगे। खगोलविदों ने बताया कि इस दिन चंद्रमा के तीनों ही कलेवर सुपर मून, ब्लू मून और ब्लड मून एक साथ दिखाई देंगे। ऐसी घटना 35 वर्षों के बाद हो रही है। इससे पहले एशिया में वर्ष 1982 में यह घटना देखने के लिए मिली थी। 31 जनवरी को शाम करीब 5:55 से लेकर 8:40 चांद का खास दीदार कर सकेंगे। ​चंद्र ग्रहण पर क्या करें और क्या करने से बचें

गुड़गांव में शीतला माता मंदिर के पुजारी राकेश ने बताया कि ग्रहण के चलते बुधवार को सुबह साढ़े 8 बजे से पहले ही आरती की जाएगी। ऐसे में अगर कोई मंदिर में पूजा करने आना चाहता है तो वह 8 बजे से पहले आ सकते हैं। इसके बाद कपाट पूर्ण रूप से बंद हो जाएंगे। रात को 9 बजे कपाट खुलेंगे। इसके बाद रात 9 बजे के बाद स्नान आदि करवाकर भगवान की आरती की जाएगी। 

ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तम का कहना है कि यह ग्रहण ब्लू मून कहलाएगा। ब्लू मून अर्थात एक माह में दो बार फूल मून यानी पूर्णिमा का होना, ब्लू मून कहलाता है। जनवरी माह में दो बार पूर्णिमा आई है, पहली पूर्णिमा 2 जनवरी को थी, और दूसरी 21 जनवरी को, इसलिए यह ग्रहण खास होगा। 

विज्ञान का तर्क 
चंद्र ग्रहण को लेकर गायनी एक्सपर्ट डॉ़ हरप्रीत ने बताया कि यह एक खगोलीय घटना है। गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता। ये सब भ्रांतियां है। मेडिकल साइंस इस प्रकार की किसी भी थिअरी को नहीं मानता। सूर्य ग्रहण का असर भी केवल आंखों पर होता है। गर्भवती महिला या बच्चों पर इसका कोई असर नहीं होता। ऐसे में उन्हें भी खुलकर रहने की जरूरत है। 

सिविल अस्पताल की चिकित्सक डॉ सुनीता शर्मा ने चंद्र ग्रहण के दौरान खाना न खाने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। विज्ञान में इस बात को कोई महत्व नहीं दिया जाता। चंद्रग्रहण के दौरान लोगों को रोजाना की तरफ खाना पीना चाहिए और अन्य दैनिक क्रियाएं करनी चाहिए। नंगी आंखों से ग्रहण के समय चांद को नहीं देखना चाहिए। 12 घंटे तक खाली पेट रहने से बीमार पड़ने का खतरा रहता है। अधिक समय तक मलमूत्र रोकने से इन्फेक्शन आदि का डर रहता है। 

ग्रहण के समय क्या करें क्या न करें 
– ग्रहण में सभी वस्तुओं में कुश व तुलसी का पत्ता डाल देनी चाहिए, क्योंकि कुश से दूषित किरणों का प्रभाव नहीं पड़ता है। 
– सूतक लगने के बाद तुलसी के पेड़ को नहीं छूना चाहिए। 
– कैंची, चाकू या फिर किसी भी धारदार वस्तु का प्रयोग नहीं करें। 
– किसी भी भगवान की मूर्ति और तस्वीर को स्पर्श नहीं चाहिए। 
– सूतक लगने के बाद छोटे बच्चों, बुजुर्ग व रोगी के अलावा किसी व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए। 
– भोजन पकाना व सोना नहीं चाहिए। 
– भजन, पाठ, मंत्र, जप सभी धर्मों के व्यक्तियों को करना चाहिए। 
– जाप, मंत्रोच्चारण, पूजा-पाठ और दान फलदायी होता है। 

-ग्रहण मोक्ष के बाद घर में सभी वस्तुओं पर गंगा जल छिड़कना चाहिए। 
– ग्रहण मोक्ष के बाद स्नान आदि कर के भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए। 
– ग्रहण से पहले के तैयार भोजन को फेंक दे। 
– किसी भी प्रकार के शुभ कार्य न करें। 

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