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1 जुलाई से रिजेक्ट हो सकता है आपका पैनकार्ड क्योंकि…

पिछले कुछ हफ्तों से पैनकार्ड (पर्मानेंट अकाउंट नंबर) में दर्ज नाम को सुधारने के लिए हो रहे आवेदन में बड़ी वृद्धि दर्ज हुई है. ऐसा इसलिए कि केन्द्र सरकार ने 1 जुलाई 2017 तक सभी पैन कार्ड धारकों को अपने पैनकार्ड को आधार से लिंक कराने का आदेश दिया है. लिहाजा आधार को पैनकार्ड से लिंक करने में उन लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है जो अपने नाम की स्पेलिंग को लेकर लचर रहते हैं.

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चेक करें अपना पैनकार्ड
गौर करें, यदि आप अपने नाम की कई स्पेलिंग का इस्तेमाल करते हैं, तो संभव है कि आपके पैनकार्ड में आपके नाम की दी हुई स्पेलिंग आपके आधार कार्ड में दी गई स्पेलिंग से मेल नहीं खाती है. ऐसी स्थिति में आपको पैनकार्ड और आधार को लिंक करने में दिक्कत होगी. यह भी संभव है कि आपके बैंक अकाउंट में आपके नाम की स्पेलिंग कुछ और दी गई है और आपके आधार में कुछ और. ऐसी स्थिति में भी आपको अपने पैनकार्ड और आधार को लिंक करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

गलत है डीटेल तो सुधार जरूरी
पैनकार्ड कार्ड, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट में दी गई आपकी डीटेल मैच होनी चाहिए. यदि ऐसा नहीं है तो आप अपने पैनकार्ड अथवा आधार कार्ड में परिवर्तन करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह आवेदन आप इनकम टैक्स डिपार्टेमेंट की वेबसाइट पर दिए लिंक के जरिए भी कर सकते हैं. वहीं आपको आधार में सुधार कराना है तो यूआईडी को जरूरी दस्तावेज के साथ अपना आवेदन दे सकते हैं. इस काम को आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं.

NRI हैं तो आपको आधार से छूट
इनकम टैक्स नियम के मुताबिक NRIs को देश में टैक्स रिटर्न भरते समय आधार का पाबंदी नहीं होगी.

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अगर नहीं किया आधार-पैन लिंकिंग
आपने यदि 1 जुलाई तक अपने आधार कार्ड और पैन कार्ड की लिंकिंग के काम को पूरा नहीं किया तो आपका पैनकार्ड रिजेक्ट किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में आप मौजूदा वित्त वर्ष में अपना इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर सकते क्योंकि टैक्स रिटर्न भरने के लिए दोनों पैनकार्ड और आधार अनिवार्य किया जा चुका है. मौजूदा समय में देश में 24.37 करोड़ से अधिक पैनकार्ड हैं और 113 करोड़ से ज्यादा लोगों का आधार कार्ड बनाया जा चुका है. इनमें से महज 2.87 करोड़ लोगों ने 2012-13 के दौरान टैक्स रिटर्न जमा किया था. इन 2.87 करोड़ लोगों में 1.62 करोड़ लोगों ने टैक्स रिटर्न दाखिल तो किया लेकिन टैक्स में एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया. ऐसा इसलिए कि बड़ी संख्या में लोग टैक्स चोरी कर ले जाते हैं या टैक्स देने से बच जाते हैं. लिहाजा, देश में टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार से लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया है. इस लिंकिंग के बाद टैक्स चोरी को रोकना आसान हो जाएगा.

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