नई दिल्ली : चावल, गेहूं और आटे के खुदरा मूल्यों को नियंत्रित करने के बाजार उपाय के रूप में गेहूं और चावल दोनों की ई-नीलामी आयोजित की गई है। इसमें 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल बेचा गया। यह साप्ताहिक ई-नीलामी भारत सरकार की पहल के अंतर्गत की गई है।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2023-24 की 11वीं ई-नीलामी बीते सप्ताह आयोजित की गई। पूरे देश में 500 डिपो से 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री की पेशकश की गई।
केंद्र सरकार के मुताबिक ई-नीलामी में 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल बेचा गया। एफएक्यू गेहूं के लिए भारित औसत विक्रय मूल्य 2169.65 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि, इसका पूरे देश में आरक्षित मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल था।
यूआरएस गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2150.86 रहा। जबकि, इसका आरक्षित मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था। मंत्रालय ने बताया कि चावल का भारित औसत विक्रय मूल्य 2956.19 रुपए प्रति क्विंटवल था। जबकि, देशभर में इसका आरक्षित मूल्य 2952.27 रुपए प्रति क्विंटल था।
ई-नीलामी की वर्तमान किश्त में एक खरीदार के लिए गेहूं की अधिकतम 100 टन और चावल की 1000 टन तक की पेशकश करके इनके खुदरा मूल्यों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार यह निर्णय छोटे और सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है ताकि प्रतिभागी आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से आवश्यक मात्रा के लिए बोली लगा सकें।
केंद्र ने स्टॉक की जमाखोरी रोकने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के अंतर्गत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा है। ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसरों की आटा मिलों की नियमित जांच व निरीक्षण किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्रालय का कहना है कि इसी महीने 5 सितंबर तक देशभर में ऐसी 898 जांच की जा चुकी हैं।