अंतरराष्ट्रीय मार्केट में नेचुरल गैस की कीमतों में उछाल बना हुआ है। इसका सीधा असर जल्द देखने को मिलेगा। केंद्र सरकार 1 अक्टूबर को रसोई गैस की नई कीमतों का निर्धारण करने वाली है। तेल-गैस खनन क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी ऑयस एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने कहा कि लगभग 60 फीसद तक कीमतों में बढ़ोतरी होगी।
ओएनजीसी के सीएमडी सुभाष कुमार ने बताया कि जनवरी-मार्च 2021 में 58.05 डॉलर प्रति बैरल की दर से कच्चे तेल की बिक्री हुई है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बिक्री 49.01 डॉलर प्रति बैरल थी। उन्होंने कहा कि पिछले साल की शुरुआती छह माह में क्रूड और गैस की कीमतों में कमी थी। जिस कारण कंपनी के राजस्व पर काफी असर पड़ा है। हालांकि अब कीमतें बढ़ रही हैं।
केंद्र से सब्सिडी देना भी बंद कर दिया है। सुभाष ने कहा कि सब्सिडी का एक हिस्सा तेल कंपनियों को देना पड़ता था। पिछली तिमाही तक गैस की कीमतें कम रही। सरकार हर छह-छह महीनों में घरेलू गैस की कीमत तय करती है। उन्होने कहा, ‘जनवरी से मार्च में गैस की दर 1.79 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थी।’ कुमार ने कहा कि क्रूड के महंगा होने और पेट्रोलियम सब्सिडी समाप्त होने कारण ओएनजीसी को 6734 करोड़ का मुनाफा हुआ है।