पर्यटन
1 चट्टान को काट कर बनी हैं ये गुफाएं,
औरंगाबाद: तीन दिन तक चलने वाला एलोरा महोत्सव औरंगाबाद में 14 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। एलोरा गुफाओं में होने वाले इस फेस्टिवल में 250 कलाकार शामिल होंगे। वर्ल्ड फेमस एलोरा गुफाएं सबसे बड़ी ज्वालामुखी के लावा से बनी चट्टान को काट कर बनाए गए मठ-मंदिर परिसरों में से एक है। इसके नीचे थी सीक्रेट सिटी..
– औरंगाबाद स्थित एलोरा(वेरुल) की गुफाओं के नीचे कभी गुप्त शहर बसता था।
– इसका दावा इन गुफाओं पर रिसर्च करने वाले जर्मन पत्रकार क्रिस्टल प्लित्झ ने किया है।
– उन्होंने इस रिसर्च से जुड़े कुछ वीडियो भी यू ट्यूब पर अपलोड किए हैं।
– इस शहर में किसी जमाने में खजाना, हथियार छिपा कर रखे जाते थे।
– इस गुप्त शहर तक पानी और प्रकाश पहुंच सके इसके लिए गुफाओं में खास व्यवस्था होने के तथ्य मिले हैं।
– इसके अलावा एलोरा की गुफाओं में बने कैलाश मंदिर में एक रैक्टेंगुलर सुरंग भी मिली है। जो कुछ अंतर के बाद 90 डिग्री मुड़ती है।
– इस गुप्त शहर का उल्लेख 13 वीं शताब्दी में लिखी गई श्री चक्रधर स्वामी की जीवनी ‘लीला चरित्र’ में भी मिलता है।
– गुप्त शहर में जाने वाली सुरंग में जगह-जगह छेद मिले हैं। क्रिस्टल प्लित्झ ने दावा किया है कि इन छेदों से गुप्त शहर तक पानी और हवा पहुंचाई जाती थी।
– इसका दावा इन गुफाओं पर रिसर्च करने वाले जर्मन पत्रकार क्रिस्टल प्लित्झ ने किया है।
– उन्होंने इस रिसर्च से जुड़े कुछ वीडियो भी यू ट्यूब पर अपलोड किए हैं।
– इस शहर में किसी जमाने में खजाना, हथियार छिपा कर रखे जाते थे।
– इस गुप्त शहर तक पानी और प्रकाश पहुंच सके इसके लिए गुफाओं में खास व्यवस्था होने के तथ्य मिले हैं।
– इसके अलावा एलोरा की गुफाओं में बने कैलाश मंदिर में एक रैक्टेंगुलर सुरंग भी मिली है। जो कुछ अंतर के बाद 90 डिग्री मुड़ती है।
– इस गुप्त शहर का उल्लेख 13 वीं शताब्दी में लिखी गई श्री चक्रधर स्वामी की जीवनी ‘लीला चरित्र’ में भी मिलता है।
– गुप्त शहर में जाने वाली सुरंग में जगह-जगह छेद मिले हैं। क्रिस्टल प्लित्झ ने दावा किया है कि इन छेदों से गुप्त शहर तक पानी और हवा पहुंचाई जाती थी।
तीन भाग में बनी है 32 गुफाएं
– एलोरा गुफा 3 भाग में बनी है जिनमें 34 गुफाएं बनी हुई है। तीनों भाग हिंदू, बौद्ध, व जैन धर्म के लिए है।
– बौद्ध भाग में 12 गुफाएं, हिंदू भाग में 17 और जैन भाग में केवल 5 गुफाएं है।
– यह सभी गुफाएं पुराने समय की बनी हुई नायाब कलाकृति है।
– बौद्ध भाग में 12 गुफाएं, हिंदू भाग में 17 और जैन भाग में केवल 5 गुफाएं है।
– यह सभी गुफाएं पुराने समय की बनी हुई नायाब कलाकृति है।
राष्ट्रकूट राजाओं ने बनवाई थी गुफाएं
– ऐसा कहा जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण 7 वीं से 10 वीं सदी के बीच हुआ था।
– इन्हें राष्ट्रकूट राजाओं द्वारा एक बड़ी चट्टान को काट कर बनाया गया था।
– इन गुफाओं में बौद्ध, जैन और हिन्दू धर्म के देवताओं के मंदिर हैं।
– इन्हें राष्ट्रकूट राजाओं द्वारा एक बड़ी चट्टान को काट कर बनाया गया था।
– इन गुफाओं में बौद्ध, जैन और हिन्दू धर्म के देवताओं के मंदिर हैं।
हर गुफा में है पानी का स्त्रोत
– सभी गुफाओं की एक और महत्वपूर्ण विशेषता है कि प्रत्येक गुफा में पानी के स्रोत मौजूद है।
– इसी कारण भिक्षु और संन्यासी लोग इन गुफाओं में रहा करते थे क्योंकि यहां का पानी इनके काम आता था।
– इसी कारण भिक्षु और संन्यासी लोग इन गुफाओं में रहा करते थे क्योंकि यहां का पानी इनके काम आता था।