जानकारी के अनुसार जनवरी 2006 में रम्पुरा में एक युवक पर युवती को भगाने का आरोप लगा था। दबाव बढ़ा तो चौकी प्रभारी चंचल शर्मा ने युवक के पिता चूड़ामणि को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। तबियत बिगड़ने पर वृद्ध को छोड़ दिया गया था। लेकिन घर जाने के दो दिन बाद 18 जनवरी को स्वास्थ्य खराब हुआ और चूड़ामणि की मौत हो गई थी।
रम्पुरा चौकी पुलिस पर वृद्ध की हत्या करने का आरोप लगाते हुए रम्पुरा के लोग सड़क पर उतर आए थे। उन्होंने शव को कोतवाली के सामने सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था और कोतवाली में पथराव किया था। पथराव में कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए थे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ तितर बितर कर दी थी।
मृतक के भाई ने तत्कालीन चौकी इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराया था। 19 जनवरी को पुलिस की तरफ से भी 35 नामजद सहित 90 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
रम्पुरा चौकी इंचार्ज कुलदीप अधिकारी ने बताया कि चूड़ामणि मामले में सीजेएम कोर्ट से वारंट जारी होने की पुष्टि करते हुए जल्द ही आरोपियों को वारंट तामील कराने की बात कही है।
चूड़ामणि कांड में वारंट निकलने के बाद से ही रम्पुरा के लोगों में हड़कंप मचा है। लोग राजनैतिक आकाओं के पास मदद मांगने पहुंचने लगे हैं। वारंट में दोनों प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा से जुड़े लोग शामिल हैं। सभी जेल जाने से बचाने के लिए जुगत लगाने में लग गए हैं। लेकिन कुल मिलाकर वारंट जारी होने के बाद लोगों में चूड़ामणि कांड की याद ताजा हो गई है।