पाकिस्तानी अंपायर अहसान रजा 10 साल पहले (3 मार्च 2009 को) लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर हुए घातक हमले के खौफनाक मंजर को याद कर आज भी कांप उठते हैं. रजा भाग्यशाली रहे कि बंदूक, ग्रेनेड और रॉकेट से हुए इस आतंकी हमले में बच गए. लेकिन इससे उनके जीवन में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानी क्रिकेट में भी काफी कुछ बदल गया.
उस समय रजा दूसरे टेस्ट में रिजर्व अंपायर की भूमिका निभाने के लिए अन्य मैच अधिकारियों के साथ गद्दाफी स्टेडियम जा रहे थे, तभी उनसे कुछ गज आगे चल रही टीम बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया. इस हमले में आठ पुलिसकर्मी मारे गए साथ ही छह खिलाड़ी सहित कई घायल हो गए थे. दो गोलियां रजा के लिवर और फेफड़ों के आर-पार निकल गईं और कोमा से बाहर आने के बाद रजा को दोबारा अपने कदमों पर चलने में छह महीने लग गए. रजा ने कहा, ‘मेरे जख्म भर गए हैं, लेकिन मैं जब भी इन्हें देखता हूं तो मुझे वह नृशंस घटना याद आ जाती है.’
उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई उस घटना का जिक्र करता है, तो मैं उससे आग्रह करता हूं कि मुझे उस त्रासदी की याद नहीं दिलाए.’ इस हमले का पाकिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ा और देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट निलंबित हो गया और इस घटना के 10 साल बाद अब भी अधिकांश विदेशी टीमें देश का दौरा करने से इनकार कर रही हैं.
पाकिस्तान अपने घरेलू मैच यूएई में खेल रहा है और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का मानना है कि इससे उसे 20 करोड़ डॉलर राजस्व का नुकसान हुआ है. यहां तक कि स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली पाकिस्तान सुपर लीग के अधिकांश मैच भी यूएई में खेले जा रहे हैं. पाकिस्तान हालांकि प्रत्येक साल अधिक मैच अपने देश में कराने का प्रयास कर रहा है.
श्रीलंका टीम पर हमले के छह साल बाद 2015 में पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे के रूप में पहली बार अंतरराष्ट्रीय टीम की मेजबानी की. गद्दाफी स्टेडियम में कड़ी सुरक्षा के बीच मार्च 2017 में पीएसएल फाइनल खेला गया और विश्व एकादश ने लाहौर में तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले. लेकिन सबसे बड़ी घटना श्रीलंका की टीम का आतंकी हमले के आठ साल बाद अक्टूबर 2017 में एकमात्र टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए पाकिस्तान लौटना रही.
अंपायर अहसान रजा (AP)
जिंबाब्वे के खिलाफ सीरीज के दौरान अधिकारी की भूमिका निभाने वाले रजा को श्रीलंका के खिलाफ मैच में मैदानी अंपायर की भूमिका मिली और उन्होंने इस संदर्भ में कहा, ‘वह दिन काफी भावनात्मक था.’