अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए बेंगलुरु से ग्रेनाइट पत्थर भेजे गए हैं. इन पत्थरों को भेजने से पहले स्वामी विवेकानंद जागृति समिति और हनुमान ग्रेनाइट्स ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया. जानकारी के मुताबिक राम मंदिर निर्माण के लिए 10 हजार ग्रेनाइट पत्थर के खंभों को भेजा गया है. इसे भेजने से पहले पूजा का आयोजन किया गया.
इस आयोजन से जुड़े वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें देखा जा सकता है कि वीडियो में दिखाया गया है कि देवनहल्ली तालुक के सदाहल्ली से पत्थरों से लदी लॉरियों को अयोध्या भेजने से पहले अनुष्ठान किए गए. सितंबर में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) ने कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर की नींव का काम पूरा हो गया है. साल 2023 के अंत तक भव्य राम मंदिर को जनता के लिए खोल दिया जाएगा. हालांकि, पूरे मंदिर परिसर के 2025 तक तैयार होने की उम्मीद है.
दशकों से चले आ रहे मंदिर आंदोलन के दौरान देश भर से ‘राम भक्तों’ की तरफ से प्रदान की गई और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा इकट्ठी की गई 2 लाख से ज्याजा ईंटों का भी राम मंदिर के निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा. राम मंदिर निर्माण समिति की तरफ से तैयार ब्लूप्रिंट में कहा गया है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में भगवान गणेश, शिव, सूर्य, दुर्गा, विष्णु और ब्रह्मा सहित देवताओं को समर्पित मंदिर होंगे.
इससे पहले बताया जा रहा था कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला के गर्भगृह को सूर्य की किरणों से प्रकाशमय करने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए ओडिशा के कोणार्क मंदिर जैसी खास तकनीक का इस्तेमाल करने पर विचार किया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया था कि, ‘भगवान राम के मंदिर में प्रत्येक रामनवमी पर गर्भगृह में सूर्य की किरणें रामलला को सुशोभित करें, ऐसे एक प्रस्ताव पर काम चल रहा है.’