10 लाख फोन कॉल और 15 सौ कैमरों की जांच के बाद पुलिस ने प्रवीण सोमानी को छुड़ाया
रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित प्रवीण सोमानी अपहरणकांड को सुलझाने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। रायपुर पुलिस ने प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर सकुशल परिजनों के हवाले कर दिया। प्रवीण सोमानी के अपहरण के बाद पुलिस की नींद हराम हो गई थी। प्रवीण को सकुशल घर लाने के लिए रायपुर पुलिस ने 10 लाख फोन कॉल और 1500 सीसीटीवी कैमरे की पड़ताल की तब जाकर उत्तर प्रदेश से छुड़ाने में सफल हुई। पुलिस कप्तान का कहना था कि अपहरणकर्ता काफी शातिर हैं, इसलिए फूंक-फूंक कर कदम रखना पड़ रहा था। डीजीपी डीएम अवस्थी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बीते आठ जनवरी को प्रवीण सोमानी का सिलतरा क्षेत्र से अपहरण हुआ। इस घटना से प्रदेश भर में सनसनी फैल गई थी। अपहरणकर्ताओं तक पहुंचने के लिए रायपुर से उत्तर-प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले रास्तों के करीब डेढ़ हजार सीसीटीवी कैमरे पुलिस ने खंगाले। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, होटल, टोल नाके में लगे सीसीटीवी खंगाले गए। पांच लाख फोन कॉल को चार दिन तक लगातार खंगाला गया। सीसीटीवी कैमरे से पुलिस क्लू मिलता गया। उसके बाद पुलिस की एक टीम तुरंत उत्तर प्रदेश के लिए रवाना कर दी गई। अपहरणकर्ता इतने शातिर हैं कि एक बार फोन करने के बाद दोबारा उस सिम का इस्तेमाल नहीं करते थे। वह सिम तोड़कर फेंक देते थे। इसके चलते पुलिस को क्लू नहीं मिल पा रहा था। पुलिस ने अलग-अलग स्टेशन और एयरपोर्ट के करीब दो हजार ट्रेन के टिकट तथा डेढ़ हजार फ्लाइट के टिकट की जांच की। दोंदेकला निवासी अनिल चौधरी का क्लू मिला, उसके बाद पुलिस को सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने में सफलता मिली।