राष्ट्रीय

10 सरकारी नौकरियां छोड़ी , 100 को बनाया आईएएस-आईपीएस

पिछले 18 साल से मेघवाल आईएएस क्लासेज का संचालन कर रहे पुरूषोत्तम मेघवाल भोपाल के एकमात्र ऐसे जुनूनी शख्स हैं जो कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज में असिस्टेंड कमिश्नर जैसी एक-दो नहीं बल्कि पूरी 10 नौकरियां छोड़ चुके हैं और 100 स्टूडेंट्स को आईएएस-आईपीएस आॅफिसर बना चुके हैं। श्री मेघवाल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे एमपी नगर गायत्री शक्तिपीठ मंदिर परिसर में पिछले दो साल से स्टूडेंट्स को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उनकी जिद है कि वे अपने 900 और स्टूडेंट्स को भी आईएएस-आईपीएस बनवाकर ही दम लेंगे। फिलहाल उनकी फ्री क्लासेज में 200 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं जिनमें से 25 तो इस बार यूपीएससी की मैन्स परीक्षा दे रहे हैं। श्री मेघवाल की फ्री क्लासेज हर गुरूवार, शुक्रवार को शाम 6ः30 से 8ः30 बजे तक चलती है। पुरूषोत्तम मेघवाल के जुनून को देखते हुए गायत्री शक्तिपीठ मंदिर ट्रस्ट ने उन्हें क्लासेज संचालित करने के लिए अपना हाल भी निःशुल्क उपलब्ध कराया है।
इतनी सरकारी नौकरियां छोड़ीं
केंद्रीय वित्त सचिवालय, नई दिल्ली में सेक्शन आॅफिसर, भू-अभिलेख में सहायक अधीक्षक, शाजापुर में नायाब तहसीलदार, केरल में मैराइन इंजीनियरिंग में असिस्टेंड प्रो. महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी, कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, वर्ष 2006 में इनकम टैक्स अधिकारी, 2007 में आईपीएस, नीमच में जूलाॅजी के एचओडी जैसी कुल 10 नौकरियों को ये शख्स तिलांजलि दे चुका है। अपनी जिद और जुनून के बारे में पूछे जाने पर 41 वर्षीय श्री मेघवाल ने कहा कि मुझे कुछ अलग करना था। इसलिए आय के कुछ साधन से बना रखे हैं जिससे मेरा काम चल जाता है। मैं निःशुल्क प्रशिक्षण देकर युवाओं और भावी आईएएस-आईपीएस में जागरूकता फैला रहा हूं।
सरकारी तंत्र में मन लगा ही नहीं
नीमच में अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद पुरूषोत्तम मेघवाल ने भारतीय सिविल सर्विसेज की तैयारी की और 2006 में पहली बार में ही क्लीयर की, लेकिन उनका मन इस सर्विस में नहीं लगा और उन्होंने त्याग पत्र दे दिया। उनका परिवार उन्हें बड़े सरकारी ओहदे पर देखना चाहता था, पर पुरूषोत्तम के मन में कुछ और ही था। यही कारण है कि उन्हें एक के बाद एक 10 बेहतरीन सरकारी नौकरियां मिलीं लेकिन उनका मन सरकारी तंत्र नहीं लगा और उन्होंने वो सारी नौकरियां छोड़ दीं। अगस्त 2014 में भोपाल आकर जीवन का सबसे बड़ा फैसला लिया कि मैं बच्चों को निःशुल्क पढ़ाउंगा और कम से कम 1000 स्टूडेंट्स को आईएएस-आईपीएस बनाऊंगा।

Related Articles

Back to top button