अन्तर्राष्ट्रीय

10 साल हुआ यौन शोषण, इंजेक्शन के जरिए दी गई ‘इच्छामृत्यु’

एंजेंसी/ euthanasia_holland_12_05_2016एम्सटर्डम। नीदरलैंड में 20 वर्षीया यौन शोषण पीड़िता को इच्छामृत्यु की मंजूरी देने के बाद लाइलाज बीमारी से ग्रस्त होने के बाद जिंदगी से आजाद कर दिया गया। पीड़िता को जहरीला इंजेक्शन देकर मौत की नींद सुला दिया गया।

ब्रिटिश अखबार ‘द इंडिपेंडेंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित युवती की उम्र बीस साल ही थी। उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है। पांच से लेकर पंद्रह साल की उम्र तक उसक यौन शोषण किया गया था। डच युथेनेशिया कमीशन की तरफ से जारी पेपर्स में इसका खुलासा हुआ है।

इस कच्ची उम्र में पीड़िता के यौन शोषण का नतीजा यह हुआ कि वह पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रैस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) से पीड़ित हो गई। इसके अलावा सेवेयर एनोरेक्सिया जैसी बीमारियों ने भी उसे घेर लिया। इसके अलावा उसे गंभीर अवसाद और दौरे पड़ने की भी समस्या हो गई।

सघन उपचार के बाद उसकी मानसिक हालत में थोड़ा बहुत सुधार भी हुआ, लेकिन डॉक्टरों का मानना था कि उसकी कई समस्याएं ऐसी थीं, जिनका इलाज नहीं हो सकता। इस वजह से दो साल पहले उसकी अपनी जिंदगी खत्म करने के फैसले को मंजूरी दे दी गई।

इस खबर के यूरोप में फैलने के बाद विवाद पैदा हो गया है। जहां अभी भी सहायता से मौत दिए जाने पर विभाजिक राय बनी हुई है।

विकलांग लोगों के हकों के लिए काम करने वाले एक समूह डिस्टेंट वॉयसेज ने कहा, ‘यह डरावना और चिंताजनक दोनों ही है। क्योंकि, मानसिक स्वास्थ्य के प्रोफेशनल्स युथेनेशिया को किसी भी तरीके से विकल्प बना सकते हैं, वो भी सेक्सुअल अब्यूज के गहरे और जटिल घावों के लिए।’

 
 

 

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