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100 सालों में देश का ‘कद’ बढ़ा , लेकिन दुनिया से अभी बहुत पीछे

नई दिल्‍ली। औसत भारतीय अपने माता-पिता की तुलना में अधिक लंबे होते हैं लेकिन जब पूरी दुनिया के आगे भारत को रखते हैं तो अभी भी यह लिस्‍ट में नीचे कहीं है। दुनिया के सबसे लंबे पुरुष नीदरलैंड्स में होते हैं और लात्‍विया की महिलाएं सबसे लंबी होती हैं। इनकी तुलना में हमारे देश के पुरुष 17.5 सेमी कम लंबे और महिलाएं भी 17 सेमी कम लंबी होती हैं।indian-taller-world_2016814_12435_14_08_2016

पिछली सदी में बढ़े हैं हम

200 देशों के 18.6 मिलियन प्रतिभागियों पर किए गए इस अध्‍ययन के अलावा इससे पहले हुए 1,470 अध्‍ययनों को मिलाकर यह निष्‍कर्ष निकाला गया है। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के वैज्ञानिकों के नेतृत्‍व में 800 से अधिक शोधकर्ताओं ने यह अध्‍ययन किया। 1914 और 2014 के बीच औसतन भारतीय पुरुषों की लंबाई करीब 3 सेमी बढ़ी है जबकि महिलाओ की लंबाई 5 सेमी बढ़ी है।

पिछली सदी की तुलना में अधिकांश देशों में लंबाईयों में बढ़त दिखाई गई है। ईरान के पुरुष और द.कोरिया की महिलाओं की ऊंचाई 16.5 सेमी और 20.2 सेमी होती है। लेकिन 1914 में पुरुषों की कैटेगरी में लंबे अमेरिकी पुरुष तीसरे स्‍थान पर और महिलाएं चौथे स्‍थान पर थीं जबकि 2014 में 37वें और 42वें स्‍थान पर पहुंच गयी। 2014 में सबसे लंबे 10 राष्‍ट्रों में अधिकांश यूरोपीय देश हैं और ये नॉन-इंग्‍लिश स्‍पीकिंग देश हैं।

लंबाई के कारक

टाइम्‍स ऑफ इंडिया के अनुसार, इंपीरियल कॉलेज के जेम्‍स बेंथम ने कहा, ‘लोगों की लंबाई के लिए जलवायु का महत्‍वपूर्ण रोल होता है।’ उन्‍होंने कहा, ‘अच्‍छे पोषक तत्‍व, स्‍वच्‍छ पानी, बचपन में संक्रमण से बचाव, और प्रसव काल के दौरान मां का स्‍वास्‍थ्‍य आदि काफी महत्‍व रखता है। हमारा मानना है कि इन चीजों में भारत थोड़ा पीछे है जिसके कारण यहां के लोग अधिक लंबे नहीं होते।’

रेगुलर इंटरवल पर ली गयी लंबाई

भारत में, नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ न्‍यूट्रीशन के तहत न्‍यूट्रीशन बोर्ड ने 1975-79 और 2011-12 के बीच निश्‍चित अंतराल पर भारत के ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों की लंबाई मापी। पुरुषों में 1.2 सेमी और महिलाओं में 1 सेमी की बढ़त पाई।

भारत में छोटा कद क्‍यों

भारत में छोटे कद से पता चलता है कि यहां पोषण का स्‍तर कम और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम है। आज के समय में बच्‍चे अपने माता पिता से अधिक लंबे होते हैं। सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ हर्षपाल सिंह सचदेव ने अपने अध्‍ययन में यह खुलासा किया। उन्‍होंने कहा, ‘हमारा डाटा यह दिखाता है कि 5 और 13 साल की उम्र के बच्‍चे अपने माता-पिता की इस उम्र में लंबाई की तुलना में औसतन 5.5 सेमी से 7.5 सेमी अधिक होते हैं।’

आनुवांशिकता की भूमिका के बारे में सचदेव ने कहा कि कद से संबंधित 200 जीन होते हैं लेकिन किसी व्‍यस्‍क के कद में कुल योगदान लगभग 10 फीसद होता है। वहीं बेंथम ने कहा कि यदि पूरी दुनिया के लोग को एक तरह के वातावरण में रखा जाए तो उनके कद में अंतर देखा जाएगा।

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