नई दिल्ली: स्वस्थ्य और लंबा जीवन जीने की ख्वाहिश किस व्यक्ति की नहीं होती है। हर कोई अपने जीवन काल में एक बार इसके बारे में जरूर सोचता है लेकिन वह अपनी इस भावना को जाहिर नहीं कर पाता क्योंकि जिंदगी है तो आखिर अन्प्रीडिक्टबल ही। लेकिन, वैज्ञानिकों ने अब लंबे जीवन के राज से भी पर्दा उठा दिया है।
एक नए शोध में इस बात का पता चला है कि जीन वेरिएंट सेल खुद ही सेल वार्धक्य और बाइलॉजिकल एजिंग से जुड़ जाती हैं और एल्जाइमर बीमारी इस बात का निर्धारण करती है कि हम 100 साल जी पाएंगे या नहीं। अध्ययनों में इस बात का पता चला है कि कई रोगों के वेरिएंट सामान्य आबादी की तुलना में शतायु होने के संकेत देते हैं। स्टेंडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अधिक जीवन जीने के जिम्मेदार जीन को लेकर एक नया सर्वे प्रकाशित किया है। इसमें उन 14 बीमारियों के बारे में बात की गई है जो दीर्घायु जीवन में बाधा बनते हैं। वैज्ञानिकों ने उम्र बढ़ने से लेकर शारीरिक तंत्र के साथ जुड़े दीर्घायु जीन को खोजने का दावा किया है।