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100 घंटे जिया, लेकिन अनगिनत जिंदगियां बदल गया वो मासूम

teddy_26_04_2016लंदन। अंगदान के लेकर पूरी दुनिया में जागरूकता फैलाई जा रही है, वहीं ब्रिटेन का सबसे युवा डोनर लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बना है। दो साल पहले जन्मा टेडी महज सौ घंटे जीवित रहा था। उसकी किडनी, हार्ट वाल्व व अन्य अंग आठ जरूरतमंद मरीजों में लगाए जा चुके हैं। यही नहीं, टेडी के माता-पिता की अपील के बाद मासूम से प्रेरणा लेकर एक लाख से ज्यादा लोगों ने अंग दान करने की प्रतिज्ञा ली है।

यह है टेडी का कहानी

टेडी अपने जुड़वा भाई के साथ पैदा हुआ था। डॉक्टरों ने मां जेस इवान्स को पहले ही बता दिया था कि उनकी कोख में पल रहे जुड़वा बच्चों में से एक को एनेंसेपाल बीमारी है। इसमें शिशु के सिर और मस्तिष्क की अन्य हड्डियों का विकास नहीं होता है। डॉक्टरों ने सलाह दी कि लाइलाज बीमारी से पीड़ित शिशु को कोख में ही मार दिया जाए, लेकिन मां ने इनकार कर दिया।

जेस और उनके पति माइक चाहते थे कि उनका बेटा कुछ मिनट ही सही, पर दुनिया में जरूर आए। आमतौर पर ऐसे बच्चे जन्म से पहले या तुरंत बाद मर जाते हैं, लेकिन टेडी ने पूरे सौ घंटे मौत से संघर्ष किया। आज उसका जुड़वा भाई अपना दूसरा बर्थडे मना रहा है। वहीं परिवार टेडी को याद करके दुखी है तो यह संतोष भी है कि उनके बेटे ने इतने लोगों को जिंदगी दी।

374 किमी दूर मरीज को लगाई किडनी

टेडी की मौत के तीन मिनट बाद ही उसके शरीर से किडनी और हार्ट वाल्व निकल लिए गए थे। यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ वेल्स में यह ऑपरेशन हुआ था। तुरंत ही इन अंगों को 374 किमी दूर लीड्स स्थित सेंट जेम्स हॉस्पिटल भेज दिया गया। जिन लोगों को ये अंग लगाए गए हैं, वे पूरी तरह स्वस्थ्य हैं और टेडी को रह-रहकर शुक्रिया अदा करते हैं।

 

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