भोपाल की 103 अवैध कॉलोनी होंगी वैध ,मिलेगी बिल्डिंग परमिशन
भोपाल : भोपाल में वर्ष 1998 से पहले निर्मित 103 अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रकिया शुरु हो गई है। इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके तहत अवैध कालोनियों में नगर निगम भवन अनुज्ञा की अनुमति जारी करेगा। हालांकि इन कालोनियों में निगम से अनुबंधित आर्किटेक्ट को बिल्डिंग परमिशन जारी करने की अनुमति नहीं होगी। निगम प्रशासन ने चेतावनी भी दी है कि यदि कोई आर्किटेक्ट इन कालोनियों में भवन अनुज्ञा जारी करता है तो उसका लायसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम के मुख्य नगर निवेशक नीरज आंनद लिखार ने बताया कि उक्त कालोनियों के भूखण्डधारी भूस्वामित्व संबंधी दस्तावेज, जोन कार्यालय से प्राप्त विकास शुल्क की रसीद, एनओसी, मानचित्र सहित अन्य वांछित दस्तावेज आर्किटेक्ट के माध्यम से आनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। लेकिन भवन अनुज्ञा से संबंधित अनुमति देने का काम नगर निगम के अधिकारी करेंगे।
गौरतलब है कि नगर निगम प्रशासक के संकल्प 31 जनवरी 2022 अनुसार वर्ष 1998 से प्रचलित 209 अनाधिकृत कालोनियों में भवन निर्माण अनुमति दिए जाने की स्वीकृति हुई थी। इसके बाद 22 जुलाई 2022 को पारित नगर निगम प्रशासक संकल्प के अनुसार शेष 103 अनाधिकृत कालोनियों में विकास शुल्क की राशि 18 रूपये प्रति वर्गफीट निर्धारित करने की स्वीकृति एवं भवन निर्माण अनुज्ञा दिये जाने की अनुमति दी गई है।
यह दर तय हुई
नगर निगम प्रशासक के संकल्प 31 जनवरी 2022 अनुसार वर्ष 1998 से प्रचलित 209 अनाधिकृत कॉलोनियों में भवन निर्माण अनुमति दिए जाने की स्वीकृति हुई थी। इसके बाद 22 जुलाई 2022 को पारित नगर निगम प्रशासक संकल्प के अनुसार शेष 103 अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास शुल्क की राशि 18 रुपए प्रति वर्गफिट निर्धारित करने की स्वीकृति एवं भवन निर्माण अनुज्ञा दिए जाने की अनुमति दी गई।
अनाधिकृत कॉलोनियों का अभिन्यास अनुमोदित न होने के कारण मध्यप्रदेश राजपत्र 27 नवंबर 2015 में प्रकाशित नियम 26 के संशोधन (2) 26ख के बिंदू क्रमांक 2 के माध्यम से पंजीकृत वास्तुविद्/संरचना इंजीनियर के माध्यम से प्राप्त की गई भवन अनुज्ञा अमान्य की गई है।
इन कॉलोनियों में भवन अनुज्ञा नगर निगम द्वारा प्रदत्त की जाएगी। निगम प्रशासन ने पंजीकृत वास्तुविद्/संरचना इंजीनियर को सूचित भी किया है कि उक्त अनाधिकृत कॉलोनियों में भवन अनुज्ञा जारी न करें अन्यथा लायसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।