11 नवंबर को सौभाग्य योग में दीपावली, स्वाति और विशाखा नक्षत्र बनायेंगे धनवर्षा योग, महानिशीथकाल में करें मंत्र सिद्धि,स्थिर लग्न में पूजा से साल भर भरी रहेगी तिजोरी
दस्तक टाइम्स/एजेंसी: दिल्ली: 11 नवंबर को दीपावली है। लक्ष्मी जी आने वाली हैं आपके द्वार। आंचल मे भरकर खुशियां अपार। बढ़ाएंगी व्यापार, दिलायेंगी तरक्की और देंगी आपको धन संपदा का कभी खत्म न होने वाला भंडार। इस बार की दीपावली कई विशेष संयोंगो के साथ आपके जीवन में सौभाग्य का द्वार खोलने आ रही है। बुधवार का दिन, स्वाति और विशाखा जैसे नक्षत्र और सौभाग्य योग पड़ने की वजह से दीपावली पर बना है अपार धनवर्षा योग। कारोबारियों के लिये तो बुधवार की दीपावली काफी शुभ होती है। अगर आप दीपावली पर प्रदोषकाल में पूजा करते हैं या फिर महानिशीथकाल में धन मंत्रों की सिद्धि करते हैं, तो आपको कुबेर समान धनाधिपति बनने से कोई रोक नहीं सकता। 11 नवंबर को दीपावली पर शुभ संयोंगो का विवरण इस प्रकार है-
11 नवंबर को दीपावली पर विशेष संयोग
दोपहर 1:34 तक स्वाति नक्षत्र विशाखा नक्षत्र
11 नवंबर से 12 नवंबर सुबह 5:34 AM तक सौभाग्य योग
अल्पकाल के लिये महानिशीथ व्यापिनी अमावस्या
स्थिर लग्न में करें दीपावली पूजन
अगर आप 11 नवंबर को स्थिर लग्न में लक्ष्मी गणेश पूजन करेंगे तो लक्ष्मी जी का स्थायी निवास बना रहेगा। 11 नवंबर को स्थिर लग्न का विवरण इस प्रकार है-
11 नवंबर को स्थिर लग्न-वृषभ लग्न 06:16 PM से 8:16 PM
बुधवार की दीपावली व्यापारियों के लिये शुभ
जी हां अगर लक्ष्मी जी को अपने घर में स्थायी रुप से बसाना हो तो दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा इस तरह करिये।
दीपावली पूजन से घर आएंगी लक्ष्मी
-सबसे पहले घर को गंगाजल से शुद्ध करें।
-घर के द्वार पर रंगोली बनायें।
-मुख्य द्वार को आम के तोरण से सजायें।
-अपने कैश बॉक्स पर ओम लिखें और स्वास्तिक बनायें।
कैसे करेंगे लक्ष्मी-गणेश का पूजन ?
आसन पर बैठकर इस मंत्र से स्वयं को पवित्र करें- ओम अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोअपिवा य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर: शुचि:। उसके बाद इसी मंत्र से अपने ऊपर और आसन पर 3-3 बार फूल से छींटे डालें। फिर इस मंत्र से आचमन करें-
ओम केशवाय नम :
ओम माधवाय नम :
ओम नारायणाय नम :
फिर हाथ धोकर,फिर से आसन शुद्धि मंत्र बोलें-
ओम पृथ्वी त्वयाधृता लोका देवि त्यम विष्णुनाधृता
त्वं च धारयमां देवि पवित्रं कुरु चासनम्
उसके बाद अनामिका उंगली से चंदन लगाते हुए ये मंत्र बोलें-
चंदनस्य महत्पुण्यम् पवित्रं पापनाशनम्
आपदां हरते नित्यम्,लक्ष्मी तिष्ठतु सर्वदा
सबसे पहले श्रीगणेश का ध्यान करें और ओम गं गणपतये नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। उसके बाद गणेश जी को रोली,अक्षत और चंदन से तिलक करते हुए उन्हें प्रसाद अर्पित करें।
प्रसाद मंत्र है-इदं नानाविधि नैवेद्यानि ओम गं गणपतये समर्पयामि:
दीपावली पर कलश पूजन कैसे करें?
-किसी मिट्टी या धातु के कलश पर मौली बांधकर, उसमें आम का पल्लव रखें।
-कलश के अंदर सुपारी,दूर्वा,अक्षत और मुद्रा रखें।
-लाल कपड़े में नारियल लपेट कर कलश पर रखें।
-फिर अक्षत और फूल लेकर वरुण देवता का आह्वान इस मंत्र से करें।
-अस्मिन कलशे वरुणं सांगं सपरिवारं सायुध
-सशक्ति कमावाहयामि ओम भूर्भुव:स्व:भो वरुण इहागच्छ
-इहातिष्ठ स्थापयामि पूजयामि,फिर वरुण देव को धूप,दीप और नैवेद्य चढ़ाएं
दीपावली पर कैसे करें लक्ष्मी पूजन?
सबसे पहले मां लक्ष्मी का ध्यान करें। पूजा की थाली में ओम लक्ष्मी गणेशाय नम: मंत्र से जाप करते हुये गुंजा,रोली,मौली,अक्षत,माला,धूप,दीप,इत्र,गंगाजल,कपूर,फूल,पान,सुपारी,लौंग,इलायची,मिश्री,यज्ञोपवीत,चंदन,नारियलकौड़ी गोमती चक्र चढ़ायें। अब कमल गट्टे की माला से एक माला यानि 108 बार इस मंत्र का जाप करें-ओम श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मयै नम: इसके बाद लक्ष्मी गणेश के सिक्के को दूध,शहद और गंगाजल से अभिषेक करते हुए ये मंत्र पढ़ें-ओम लक्ष्मीगणेशाभ्याम नम: बाद में कपूर से मां लक्ष्मी और श्रीगणेश की आरती करें। पूजा के बाद कौड़ी,गौमती चक्र,गुंजा और लक्ष्मी गणेश के सिक्के को तिजोरी पर्स और कैश बॉक्स में रखें। अगर आप इस विधि से लक्ष्मी गणेश की पूजा करेंगे तो आपके घर साल भर धन वर्षा होती रहेगी। वैसे भी सौभाग्य योग में दीपावली मनाने वाले भक्तों का सौभाग्य साल पर जगा रहेगा।