11 मिनट के अंदर हुए थे 7 धमाके, चीखों में बदली ठहाकों की गूंज
मुंबई लोकल ट्रेन आतंकी हमले की 11वीं बरसी आज
मुंबई: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों ने सोमवार रात एक बस पर हमला कर दिया जिसमें छह महिलाओं समेत गुजरात के सात अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई जबकि 32 अन्य घायल हुए। वर्ष 2000 के बाद से यह इस सालाना तीर्थयात्रा पर सबसे घातक हमला है। आतंकियों के दिए पुराने जख्म आज भी हरे हैं। आज मुंबई लोकल ट्रेन आतंकी हमले की 11वीं बरसी है। आज के दिन यानि 11 जुलाई, 2006 को आतंकियों ने मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन को अपना शिकार बनाया था। मुंबई की लोकल ट्रेन में शाम 6:24 से 6:35 के बीच 11 मिनट के अंतराल में सिलसिलेवार 7 धमाके हुए थे। इस धमाके में 209 लोगों की मौत हुई और 700 लोग घायल हुए थे। विस्फोटों की ताकत बढ़ाने के लिए उन्हें प्रेशर कुकर में रखकर इस्तेमाल किया गया।
चीखों में बदली ठहाकों की गूंज
लोकल ट्रेन में रोजाना सफर करने वाले हंसते-खेलते परिवार उजड़ गए थे। लोग आपसे में बातें करने में मशगूल थे। कोई एक-दूसरे के साथ मजाक कर रहा था। कुछ ही मिनटों में हंसी की आवाजें दर्द भरी चीखों में तब्दील हो गई थीं। माटंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, भयंदर और बोरिवली में ये धमाके हुए थे।
13 गिरफ्तार आरोपियों में 12 दोषी करार
हमला करने वाले 12 आतंकियों में अधिकांश पाकिस्तानी थे, जो भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमाओं के माध्यम से भारत में दाखिल हुए। 30 सितंबर 2015 को 5 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई और सात को आजीवन कारावास।