नई दिल्ली । अल्पसंख्यक समुदायों के लिए बकाया बैंक ऋण की राशि 31 मार्च, 2011 के 1,43,397 करोड़ रुपये से बढ़कर 31 मार्च, 2022 को 3,12,566 करोड़ रुपये हो गई है, जो 118 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करती है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक यह जानकारी सामने आई है।
2007-08 में सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण देना अनिवार्य कर दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि उस समय सरकार ने पीएसबी को निर्देश दिया था कि वह तीन साल की अवधि में अल्पसंख्यकों को अपने प्राथमिकता वाले क्षेत्र के ऋण 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करें।
तब से, पीएसबी द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण देने में निरंतर वृद्धि हुई है। उन्हें 2010-11 से लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करने की सलाह दी गई। 31 मार्च, 2022 तक अल्पसंख्यक समुदायों को बकाया ऋण भी पिछले वर्ष की तुलना में 8.56 प्रतिशत की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि देखी गई है, जो 31 मार्च, 2021 तक 2,87,917 करोड़ रुपये थी।
31 मार्च, 2022 तक अल्पसंख्यक समुदाय ऋण के तहत पीएसबी की समग्र उपलब्धि प्राथमिकता क्षेत्र को उनके कुल ऋण का लगभग 13 प्रतिशत थी। सूत्रों ने कहा- इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण देने सहित किसी विशेष क्षेत्र या उद्योग के लिए ऋण प्रवाह ज्यादातर मांग पर आधारित रहता है, और आर्थिक गतिविधि के स्तर और अन्य संबंधित कारकों से जुड़ा होता है।