12 साल पहले गंगा में बहाया था बेटे का शव, लेकिन हुआ कुछ ऐसा जिसे देखकर दंग रह गए गांव वाले
आपने गांव में ऐसा कई बार सुना होगा कि सांप के काटने से व्यक्ति की मौत हो गई लेकिन वहीं कई बार आपको सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें भी सुनने को मिलती है जिसमें व्यक्ति मर कर दोबारा जिंदा हो जाता है। आज भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जिसे आजतक आप टीवी या फिर सिनेमा में देखते होंगे जी हां आपको बता दें कि ये मामला बुलंदशहर का है जहां एक परिवार की चर्चा बेहद ही जोरों शोरों से हो रही है। जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बुलंदशहर से एक ऐसा ही जीता जागता मामला सामने आ गया है जिसे जानने के बाद पूरा गांव दंग रह गया।
दरअसल इसी गांव में 12 साल पहले एक बच्चे की सांप के डसने से मौत हो गई थी जिसके बाद रीति रिवाजों के अनुसार इस परिवार ने उस बच्चे के शव को जल-प्रवाह कर दिया था लेकिन अचानक कई सालों बाद वह बच्चा बड़ा हो अपने मां-बाप के सामने आ पहुंचा। जी हां शायद आपको इस बात पर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन सच है। आपको बता दें कि ये मामला खानपुर-बसी मार्ग स्थित जरियां आलमपुर लोध बहुल गांव का है। जहां के निवासी मदन सिंह ने आज से करीब 12 वर्ष पहले उनके बेटे गगन के सांप ने डसने से मौत हो गई थी जिसके बाद उनलोगों ने शव को जल में प्रवाहित कर दिया था।
बताते चलें कि उस समय गगन की उम्र तीन साल थी। सांप के डसने के बाद तुरंत उसके घर वाले गगन को इलाज के लिए पास के गांव ले गये लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि वो मर चुका है जिसके बाद परिजनों ने अपने तीन साल के मृत बेटे गंगन को गंगा में प्रवाह कर दिया था।लेकिन वहीं खबरों की मानें तो इसके बाद तीन साल के बच्चे को कुछ सपेरों ने निकाल लिया था। उसका उपचार किया और उसे स्वस्थ कर दिया।
बताया तो ये भी जा रहा है कि चार दिन पहले ही 12 साल बाद गगन सपेरों की टोली के साथ अपने गांव जरियां आलमपुर पहुंच गया। यहां उसके परिजनों ने देखकर पहचान लिया। लेकिन संपेरों ने सीधे सीधे उनकी बात मानने से इंकार कर दिया। परिजनों ने जब गगन के सीने और कमर पर बने निशानों के विषय में बताया तो सपेरे भी सुनकर दंग रह गये। जब उन्हें आभास हो गया कि ये उनका बेटा है तब परिवार वालों के काफी मिन्नत करने पर सपेरों ने उसके बेटे को गगन को उसकी मां गायत्री लोधी और पिता मदन सिंह को सौंप दिया। वैसे ये पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना सामने आई है।
जी हां आपको बता दें कि ऐसा पहले भी सामने आ चुका है जिसमें सांप काटने के बाद डॉक्टरों ने व्यक्ति को मरा घोषित कर दिया है लेकिन कई सालों बाद वो व्यक्ति जीवित पाया गया है। यही कारण है कि हमारे शास्त्रों में भी सांप के कटे हुए व्यक्ति को जल में प्रवाहित करने का नियम है उसे आम लोगों की तरह जलाया नहीं जा सकता क्योंकि हो सकता है कि उसकी जान बच जाए।