12 तक ट्रैक पर डटे रहेंगे किसान, रेलवे को 100 करोड़ का नुकसान
किसान नेता शिंगारा सिंह मान का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश के किसान रेलवे लाइनों पर धरना देने को मजबूर हैं। सरकार की ओर से अनदेखी किए जाने पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जातीं, तब तक किसान जत्थेबंदियां अपना संघर्ष जारी रखेंगी। किसान नेता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले 11 अक्तूबर को किसानों के साथ बैठक रखी थी। अब सरकार ने 12 अक्तूबर का समय दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर 12 अक्तूबर को भी किसानों को इंसाफ न मिला तो संघर्ष तेज कर दिया जाएगा। रामपुरा फूल में किसानों के धरने के चलते शनिवार को लगातार चौथे दिन बठिंडा-अंबाला रेल मार्ग पर रेल यातायात ठप रहा। इससे रेलयात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
डीआरएम के अनुसार, चार दिन में कुल 574 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। इनमें फिरोजपुर मंडल की 263 और अंबाला मंडल से 311 ट्रेनें शामिल हैं। ट्रेनें रद्द होने के कारण रेल विभाग यात्रियों को टिकट का पैसा वापस देना पड़ रहा है।
शनिवार को आंदोलन के चौथे दिन भी करीब 12 ट्रेनें रद्द हो गई। तीस से ज्यादा ट्रेनें तीन से आठ घंटे देरी से चल रही हैं। स्टेशन मास्टर यशवंत सिंह का कहना है कि यात्रियों को मौके पर ही टिकट का रिफंड दिया जा रहा है।
इसके अलावा लुधियाना रेलवे स्टेशन पर आने वाली हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस, अमृतसर-चंडीगढ़ इंटरसिटी, अमृतसर-दिल्ली इंटरसिटी, अमृतसर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस, नंगलडैम-अमृतसर एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस (अप-डाउन), अमृतसर-कटिहार एक्सप्रेस, अमृतसर-सहरसा एक्सप्रेस जनसेवा सहित अन्य ट्रेनें रद्द हुई हैं।
आंदोलन का असर हौजरी के माल पर भी पड़ रहा है। अब तक रेलवे स्टेशन से 2500 से ज्यादा पार्सल पड़े हैं। इनमें शनिवार को कुछ पार्सल तो निकले हैं, लेकिन लगातार और पार्सल आने के कारण दिक्कत आ रही है।