12 साल की इस बच्ची को था कैंसर, आज अपने हुनर से दुनिया को सिखाया जिंदादिली से जीना
नई दिल्ली : ये है चिदागिनी.. स्टेज पर थिरकती है तो इसे देखकर कोई इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकता है कि बचपन से है चिदागिनी को कैंसर था। आधी जिंदगी कैंसर के साथ जीने वाली ये मासूम अपने हुनर से पूरी दुनिया को जिंदादिली से जीना सिखा रही है।
आज जब वह स्टेज पर भरतनाट्यम और लोकनृत्य में थिरकती है तो लोगों की उसपर से नजरें नहीं हटती हैं। उसे देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि एक लंबा वक्त उसने कैंसर को हराने में लगाया। 9 महीने की थी तब से ही कीमोथैरेपी का दर्द झेलना पड़ गया था। चेकअप में लीवर कैंसर का पता चला। वे सीधे मुंबई के टाटा कैंसर हॉस्पिटल पहुंचे। जहां 6 महीने तक कीमोथेरेपी के जरिए उसका इलाज चला। आज भी 2 साल में मुंबई ले जाना पड़ता है। मां छुट्टी लेकर बेटी के साथ मुंबई में रही और पिता ने दूसरी बेटी को संभाला।
ये सुनकर अच्छे-अच्छे मजबूत इंसान हिल जाएं, लेकिन 12 साल की चिदागिनी ने वो कर दिखाया जिसे किसी ने नहीं सोचा होगा। भिलाई में चल रहे हिन्दुस्तान आर्ट एवं म्यूजिक सोसाइटी के भारत सांस्कृतिक महोत्सव में शामिल होने आई चितरंजन की चिदागिनी पांडेय ने डांस से लोगों का दिल जीत लिया। चिदागिनी के पिता जयप्रकाश फुटबालर है और मां एथलीट है।
मां कंकना बताती है कि उन्हें डांस का शौक था पर पूरा नहीं हो सका। जब देखा कि चिदागिनी को डांस करना पसंद है तो उन्होंने पहले डॉक्टरों से सलाह ली। डॉक्टर से सहमति के बाद 4 साल की उम्र में उसने डांस करना शुरू किया। पिता के साथ ग्राउंड में जाकर फुटबाल खेलना भी सीखाा। इसी साल कैंसर सरवाइव यूथ और बच्चों के लिए मास्को में हुई चैम्पियनशिप में चिदागिनी का चयन टीम इंडिया में किया। 60 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल जीता। फुटबाल टीम में शामिल होकर उसकी टीम ने चैम्पियनशिप जीती। शतरंज में सिल्वर मेडल लेकर उसने भारत को तीन पदक दिलाए।