सीवान। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन 12 साल बाद आज जेल से रिहा हो गए। उन्हें आज सुबह बिहार की भागलपुर जेल से रिहा किया गया। शहाबुद्दीन को हत्या के मामले में जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया है। जेल के बाहर उसके समर्थक भारी तादाद में मौजूद थे, उन्होंने अपने नेता का जोर-शोर से स्वागत किया।
रिहाई के तुरंत बाद जेल के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी को पता है कि मुझे फंसाया गया था। लेकिन कोर्ट ने मुझे जेल भेजा था और आज उसी ने मुझे रिहा किया है। अपनी बाहुबली छवि बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अपनी छवि क्यों बदलूं? लोगों ने हमेशा मुझे इसी तरह स्वीकार किया है, जैसा मैं पिछले 26 सालों से हूं।
शहाबुद्दीन रिहा होने के बाद भागलपुर से सीवान जाएंगे। उनकी रिहाई के बाद सीवान प्रशासन ने जिले में चौकसी बढ़ा दी है। अपने नेता की लंबी प्रतीक्षा के बाद शहर में आने की आस लगाए कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत की पूरी तैयारी की है। शहाबुद्दीन के समर्थकों के मुताबिक भागलपुर जेल से रिहा होने के बाद उनका जुलूस सीवान जाएगा।
खबर है कि भागलपुर जेल से ही वाहनों का काफिला पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के साथ चलेगा। सीवान से 13 सौ गाड़ियां भागलपुर जाएंगी और वहां से जुलूस के शक्ल में वे निकलेंगे। जिले में आगमन पर सर्वप्रथम मलमलिया में स्वागत किया जाएगा। विभिन्न स्थानों में उनके आगमन को लेकर तोरणद्वार बनाए गए हैं। पूर्व सांसद का काफिला सीवान होकर सीधे हुसैनगंज प्रखंड के प्रतापपुर स्थित पैतृक गांव तक पहुंचेगा। शहाबुद्दीन के 13 साल के बाद अपने पैतृक गांव आने को लेकर प्रतापपुर के लोग भी खुश हैं।
शहाबुद्दीन की पत्नी हिना ने कहा कि हमलोग 2003 से ही इंतजार कर रहे हैं कि वो घर कब आएंगे। 13 साल से ज्यादा हो गए। ऊपर वाले के घर में देर है, अंधेर नहीं। ऊपर वाले पर भरोसा किए बैठे थे कि न्याय होगा ही और आज न्याय मिल गया। हिना ने बताया कि 13 अगस्त, 2003 को प्रतापपुर कांड के सिलसिले में वह अदालत में हाजिर हुए थे। साल 2005 में जमानत मिली, पर घर नहीं आए। उन्हें फिर साल 2005 में ही दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। तब से वह विभिन्न मामले में जेल में हैं। अब उनके आने का ही इंतजार है।
बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने तेजाब से दो भाइयों की हत्या का चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की हत्या के मामले में बुधवार को शहाबुद्दीन को जमानत दे दी थी।