दस्तक टाइम्स एजेंसी / शिमला.सीटू की राज्य इकाई ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मजदूरों के 12 सूत्रीय मांग पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। सीटू ने वीरवार को जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। धरने के दौरान सीटू के कई पदाधिकारियों ने मजदूरों को संबोधित किया।
इस दौरान सीटू के जिला संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अगर मजूदरों के मांगपत्र पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो सीटू 30 मार्च को राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित कर मजदूरों के देशव्यापी आंदालेन को और गति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सीटू की ओर से पूरे देश में प्रदर्शन किए गए और मजदूरों की मांगों को पूरा करने की मांग की गई।
यह हैं मजदूरों की मांगंे
सीटू ने मांग की है कि मजदूरों के वेतन को बढ़ाकर न्यूनतम 18 हजार रुपए किया जाना चाहिए और ईपीएफ योजना को 20 की बजाय 10 मजूदरों पर लागू किया जाएस। मिड डे मील, आंगनबाड़ी व आशा वर्कर्स को नियमित किया जाए। ठेके पर मजदूरी को रखना बंद किया जाए और मजदूरों को पक्का रोजगार दिया जाए।
बीएसएनएल, बीमा, बैंक व अन्य सरकारी उपक्रमों को बेचना बंद किया जाए। इसके अलावा असंगठित मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी व पूंजीपरस्त होने का आरोप लगाया है।
उन्होंने चेताया है अगर केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव बंद न किया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
धरने में सीटू के राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा के अलावा प्रदेशाध्यक्ष जगतराम, कोषाध्यक्ष रमाकांत मिश्रा, इंटक राज्य महासचिव बीएस चौहान, सीटू नेता बाबू राम, बालक राम, उमा देवी, पवन शर्मा, रिंकू राणा समेत कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
सीटू ने मांग की है कि मजदूरों के वेतन को बढ़ाकर न्यूनतम 18 हजार रुपए किया जाना चाहिए और ईपीएफ योजना को 20 की बजाय 10 मजूदरों पर लागू किया जाएस। मिड डे मील, आंगनबाड़ी व आशा वर्कर्स को नियमित किया जाए। ठेके पर मजदूरी को रखना बंद किया जाए और मजदूरों को पक्का रोजगार दिया जाए।