UNGA: Gaza में मानवीय आधार पर संघर्षविराम का प्रस्ताव पारित, 120 देशों ने किया समर्थन
न्यूयॉर्क : इस्राइल-हमास युद्ध के बीच गाजा में मानवीय आधार पर संघर्षविराम के लिए जॉर्डन (Jordan) की तरफ से पेश प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पारित हो गया है। यूएनजीए ने प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया है। प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट पड़े, जबकि विरोध में 14 वोट पड़े। वहीं 45 देशों ने मतदान से खुद को अलग रखा। प्रस्ताव में इस्राइल और हमास के बीच मानवीय आधार पर तत्काल संघर्षविराम का आह्वानकिया गया है। साथ ही यह बिना किसी रुकावट के गाजा तक मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान करता है, जिसमें पानी, बिजली और वस्तुओं के वितरण को फिर से शुरू करना शामिल है।
भारत, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा सहित 45 देशों ने मतदान से दूरी बनाई। कनाडा ने इस्राइल पर हमास के हमले की निंदा के लिए प्रस्ताव में एक संशोधन पेश किया, जो खारिज हो गया। चौंकाने वाली बात यह है कि हमास के साथ युद्ध में इस्राइल का मजबूती से समर्थन करने वाले ब्रिटेन और जर्मनी मतदान से अनुपस्थित रहे। अमेरिका, इस्राइल, ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, फिजी, ग्वाटेमाला, हंगरी, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी, पैराग्वे और टोंगा ने जॉर्डन द्वारा पेश प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर ने कहा कि गाजा में युद्ध को रोकने के लिए सब कुछ करने की जरूरत है, ताकि बच्चों और आम नागरिकों की हत्याओं के साथ और अधिक विनाश को रोका जा सके। मंसूर ने कहा कि फलस्तीनी प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से युद्धविराम रोकने के लिए प्रस्ताव अपनाने की कोशिश करता रहेगा।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि हम हमास के आतंकवादियों को फिर से हथियारबंद होकर ऐसे अत्याचार करने देने के लिए हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेंगे। इस्राइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है और इस अधिकार के साथ यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह के अत्याचार कभी दोबारा न हों। इसे सुनिश्चित करने का एकमात्र उपाय हमास को पूरी तरह खत्म करना है।
यूएनजीए में कनाडा और अमेरिका द्वारा समर्थित संशोधन प्रस्ताव पास नहीं हो सका, जिसमें हमास के आतंकी हमले और लोगों को बंधक बनाने की निंदा की गई थी। अरब देशों के एक समूह द्वारा गाजा में तत्काल मानवीय आधार पर संघर्षविराम के लिए पेश किए गए प्रस्ताव के जवाब में कनाडा ने संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। अमेरिका ने भी हमास का जिक्र नहीं करने के कारण जॉर्डन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव की आलोचना करते हुए संशोधन का समर्थन किया। 88 सदस्यों ने संशोधन के पक्ष में मतदान किया, जबकि 55 देशों ने विरोध में और 23 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया। इस तरह संशोधन दो-तिहाई बहुमत हासिल करने में विफल रहा।