नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता जसवंत सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिले। अटकल लगाया जा रहा है कि जसवंत पार्टी में फिर से अपनी वापसी चाह रहे हैं। भाजपा के सूत्रों ने दोनों नेताओं की मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा कि जसवंत की पार्टी में वापसी पर फैसला अब नरेंद्र मोदी को ही लेना है क्योंकिपार्टी में मोदी का कद अब अध्यक्ष राजनाथ सिंह से भी ऊंचा है। सूत्रों ने यह भी बताया कि जसवंत सिंह ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिलने के लिए बधाई दी। भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक जसवंत को पार्टी से तब निकाला गया जब उन्होंने लोकसभा की बाड़मेर सीट से भाजपा प्रत्याशी सोनाराम चौधरी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। जसवंत अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री का पद संभाल चुके हैं। 15वीं लोकसभा में वह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से सांसद थे। सूत्रों ने बताया कि बुजुर्ग नेता जसवंत अपने बेटे मानवेंद्र सिंह के लिए भी पार्टी में जगह चाह रहे हैं। राजस्थान में विधायक मानवेंद्र ने अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार किया था। इस कारण पार्टी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता निलंबित कर दी है।